फसल मंडी में सोयाबीन की आवक घटी
दाम घटने का असर, किसान संकट में, व्यापारी चिंता में
अमरावती/दि.15 – कुछ दिन पहले तक अमरावती जिले में सोयाबीन के दाम साढे पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थे, जो अब घटकर 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गए है. ऐेसे में फसल मंडी में सोयाबीन की आवक घट गई है. क्योंकि दाम घटने की वजह से किसानों ने अपनी सोयाबीन को मंडी में बेचने हेतु लाना रोक दिया है. जिसकी वजह से किसान काफी हद तक आर्थिक दिक्कतों में फंसे नजर आ रहे है. वहीं इससे पहले उंचे दामों पर सोयाबीन की खरीदी कर चुके व्यापारियों में भी दामों के गिरावट के चलते चिंता का माहौल देखा जा रहा है. क्योंकि इससे पहले फसल मंडी में सोयाबीन की अच्छी खासी खरीदी-विक्री हुई थी और व्यापारियों ने दाम बढने की आस में सोयाबीन का अच्छा स्टॉक कर रखा है.
उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष सरकार द्बारा सोयापेंड व कच्चे तेल के शुल्क मुक्त आयात को अनुमति दी थी. जिसके बाद से सोयाबीन के दामों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. 2 वर्ष पहले सोयाबीन के दाम 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक जा पहुंचे थे. जिसे देखते हुए जिले में सोयाबीन के बुआई क्षेत्र मेें अच्छी खासी वृद्धि हुई थी और सोयाबीन की उपज में भी बढोत्तरी हुई थी. लेकिन गत वर्ष से ही बाजार में नया माल नई उपज आने के पहले सोयाबीन के दामों में गिरावट आनी शुरु हो गई थी. इसी बीच पिछले सीजन में सोयाबीन के दामों में थोडा इजाफा देखा गया और दाम बढकर 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक जा पहुंचे थे. जिससे किसानों में सोयाबीन को लेकर उम्मीदें बढ गई थी और दाम बढने की वजह से उम्मीदें लेकर कई किसानों ने सोयाबीन की विक्री को रोक दिया था और वे दाम बढने का इंतजार करने लगे. लेकिन इसके बाद सोयाबीन के दामों में एक बार फिर गिरावट आनी शुरु हो गई. जिले की बाजार समितियों में विगत सप्ताह तक सोयाबीन के दाम साढे पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थे. जिसमें अब एक बार फिर गिरावट आनी शुरु हो गई है और सोयाबीन के दाम 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर जा पहुंचे है. जिसकी वजह से सोयाबीन को अपना पास रोककर रखने वाले किसान आर्थिक संकट में फंस गए है. वहीं सोयाबीन के व्यापारियों में भी चिंता का माहौल है. क्योंकि उन्होंने इससे पहले उंचे दामों पर सोयाबीन की खरीदी की थी और अब दाम घट जाने के चलते उनका नुकसान हो रहा है.
* क्यों घटे सोयाबीन के दाम?
सरकार द्बारा तेल के दामों को नियंत्रित रखने हेतु प्रयास किए जा रहे है. जिसके तहत कच्चे सोयाबीन तेल का आयात जारी रहने के साथ ही पाम तेल का भी आयात किया जा रहा है. ऐसे में तेल के दामों में अच्छी खासी गिरावट होने के चलते प्लाँटधारकों द्बारा सोयाबीन कम प्रमाण में उठाई जा रही है और मांग घट जाने के चलते सोयाबीन के दामों में गिरावट देखी जा रही है.
* जिले में अब भी 60 फीसद सोयाबीन बाकी
प्रतिवर्ष मार्च माह के अंत तक सामान्य तौर पर सोयाबीन की 70 फीसद तक विक्री हो जाती है. परंतु इस बार अपेक्षित दाम नहीं मिलने के चलते किसानों ने सोयाबीन की विक्री रोक दी है. इसके चलते मार्च माह का दूसरा सप्ताह बितने के बावजूद भी पिछले सीजन का 60 फीसद सोयाबीन अब भी किसानों के पास है और दाम में गिरावट रहने के चलते इस सोयाबीन को रखा जाए, या बेचा जाए इस संभ्रम में किसान दिखाई दे रहे है.
* मार्च एंडिंग है सामने
उल्लेखनीय है कि, मार्च एंडिंग से पहले व्यापारियों द्बारा अपने पास स्टॉक में रहने वाले माल को बेचने की तैयारी की जाती है. वहीं बैंकों की किश्त अदा करने के लिए किसान भी अपने पास रहने वाली उपज को बेचने की जल्दबाजी में रहते है. परंतु ऐन मार्च एंडिंग के मुहाने पर ही सोयाबीन के दामों में गिरावट शुरु होने के चलते किसानों सहित व्यापारियों के सामने भी संकट पैदा हो गया है.
* स्टॉकिंग की वजह से किसानों का नुकसान
जिले में विगत कुछ दिनों के दौरान किसानों ने औसत 5 हजार रुपए से अधिक के दाम पर सोयाबीन की खरीदी की थी. इसमें से कई व्यापारियों ने भी दाम बढने की उम्मीद रखते हुए सोयाबीन का स्टॉक किया था. लेकिन अब प्लाँट धारकों द्बारा माल का उठाव नहीं किया जा रहा. ऐसे में इन व्यापारियों को भी औने-पौने दामों पर सोयाबीन बेचने की नौबत का सामना करना पड रहा है. जिससे उनका काफी नुकसान भी हो सकता है.
* आज से 4 दिन मार्केट रहेगा बंद
बेमौसम बारिश की संभावना को देखते हुए आज बुधवार 15 मार्च से आगामी शनिवार 18 मार्च तक कृषि उपज को बारिश में भिगने से बचाने हेतु फसल मंडी में कृषि उपज की खरीदी-विक्री के व्यवहारों को बंद रखने का निर्णय मंडी प्रशासन द्बारा किया गया है. साथ ही किसानों से भी आवाहन किया गया है कि, वे आगामी सोमवार 20 मार्च से पहले फसल मंडी में अपनी कृषि उपज लेकर न आए.