* खुले बाजार में दाम है कम, खरीदी केंद्रों पर शर्ते ज्यादा
अमरावती/दि.6– सोयाबीन के पीछे विगत 2 वर्षों से साढेसाती लगी हुई है. फसल का उत्पादन औसत से कम रहने के बावजूद सोयाबीन के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. यद्यपि सोयाबीन का गारंटी मूल्य 4892 रुपए है. लेकिन सरकारी खरीदी केंद्रों पर नियमों व शर्तों के मापदंड कुछ ज्यादा ही कडे है और खुले बाजार में सोयाबीन को मिलने वाला दाम काफी कम है. जिसके चलते सोयाबीन उत्पादक किसानों का रुझान अपनी उपज को स्टॉक करे की ओर अधिक है. ऐसे में नाफेड के सरकारी खरीदी केंद्रों सहित फसल मंडियों में सोयाबीन की आवक बेहद कम है.
बता दें कि, इस बार के सीजन में औसत से अधिक बारिश होने के चलते सोयाबीन का उत्पादन औसत से काफी कम रहा. जिसकी वजह से उम्मीद जतायी जा रही थी कि, मांग अधिक व उपज कम रहने की वजह से सोयाबीन के दामों में अच्छी खासी तेजी आएगी. लेकिन जहां एक ओर केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन के लिए 4892 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम गारंटी मूल्य घोषित किया. वहीं खुले बाजार में सोयाबीन को मात्र 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिल रहे है. सरकार ने नाफेड के जरिए सोयाबीन की खरीदी अक्तूबर माह के अंत से शुरु की. जिसमें 12 फीसद से कम आद्रता व एफएक्यू ग्रेड का प्रमुख मापदंड रहने के चलते कई किसानों को अपना सोयाबीन खरीदी केंद्र से वापिस लाना पडा और ऐसी स्थिति में पहले ही आर्थिक दिक्कतों से जुझ रहे कुछ किसानों ने अपनी आर्थिक जरुरतें पूरी करने के लिए औने-पौने दामों पर अपनी उपज को बेच दिया. वहीं अधिकांश किसानों ने दर वृद्धि की प्रतीक्षा करते हुए अपनी उपज को स्टॉक कर लिया है. जिसकी वजह से इन दिनों नाफेड के खरीदी केंद्रों सहित फसल मंडियों में सोयाबीन की आवक घट गई है.
* 15 फीसद आद्रता का मानक हुआ तय
बता दें कि, 12 फीसद तक आद्रता रहने वाले सोयाबीन की ही सरकारी खरीदी केंद्रों पर खरीदी की जाती है. विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चव्हाण ने आद्रता के मानक को 15 फीसद तक बढाने की बात कही थी और केंद्र सरकार द्वारा इस आशय का पत्र 15 नवंबर को जारी भी कर दिया गया. परंतु इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं रहने के चलते फिलहाल नाफेड के सरकारी खरीदी केंद्र पर पुराने मानकों के तहत 12 फीसद आद्रता वाले सोयाबीन की ही खरीदी हो रही है.