अमरावती

सोयाबीन को 53 हजार व कपास को 55 हजार प्रति हेक्टर फसल कर्ज

खरीफ 2022 के लिए जिले में बैंकों द्वारा कर्ज वितरण की दरें घोषित

अमरावती/दि.28- इस बार खरीफ का सीझन अब बस शुरू होने में ही है. ऐसे में फसल कर्ज के लिए किसानों की बैंकों में अच्छी-खासी भीडभाड होती दिखाई दे रही है. इस वर्ष खरीफ के लिए फसलनिहाय कर्ज वितरण की दरें जिला तांत्रिक समिती द्वारा सुझायी गई है. जिनके अनुसार सोयाबीन के लिए प्रति हेक्टर 53 हजार तथा कपास के लिए प्रति हेक्टर 55 हजार का कर्ज मिलेगा.
रबी का सीझन खत्म होने से पहले ही राज्यस्तरीय बैंकर्स समिती की बैठक (एसएलबीसी) होने के बाद खरीफ सीझन के लिए फसल कर्ज वितरण की दरें तय की जाती है. यह दरपत्रक जिले को भेजे जाने के बाद जिलाधीश की अध्यक्षतावाली जिला तांत्रिक सलाहकार समिती की बैठक के दौरान जिले में फसल कर्ज वितरण की दरें सुझायी जाती है.

* किस फसल कर्ज की दरें बढी
– इस बार खरीफ व रबी सीझन में कडधान्य, साग-सब्जी व फल बागान हेतु फसल कर्ज की दरें बढाये जाने की जानकारी जिला बैंक द्वारा दी गई है.
– तुअर के लिए प्रति हेक्टर 36 हजार, मूग व उडद के लिए प्रति हेक्टर 22 हजार तथा हरभरा (जिरायती) के लिए प्रति हेक्टर 38 हजार तथा हरभरा (बागायती) के लिए प्रति हेक्टर 40 हजार रूपये फसल कर्ज देना तय किया गया है.

* किस फसल के लिए कर्ज की दरें हुई कम
राज्यस्तर समिती द्वारा फसल कर्ज वितरण की दरें सुझाये जाने के बाद इन दरों को कम नहीं किया जा सकता. ऐसे में फसल कर्ज वितरण की दरें भले ही कम हुई है, लेकिन उनमें इस बार ज्यादा वृध्दि दिखाई नहीं दी है. कुछ फसलों के कर्ज वितरण की दरों में 5 से 10 फीसद तक वृध्दि हुई है.

* जिरायती व बागायती के लिए अलग-अलग दरें क्यो
जिरायती फसलों के लिए कर्ज की दरों की तुलना में बागायती फसलों के लिए कर्ज वितरण की दरें कुछ अधिक है. बागायती फसलों में उपज की गारंटी अधिक रहती है. साथ ही बागायती फसलों का उत्पादन खर्च भी अधिक रहता है. इस बात के चलते बागायती फसलों के लिए जिरायती फसलों की तुलना में थोडा अधिक कर्ज दिया जाता है. ऐसा बैंकिंग क्षेत्र के सुत्रों द्वारा बताया गया है.

* संतरा उत्पादकों को आधार
संतरे के लिए कर्ज वितरण की दर 98 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर है. जिसका दो चरणों में वितरण किया जाता है. जिसके पहले चरण में 60 फीसद व दूसरे चरण में 40 फीसद रकम दी जाती है. सात वर्ष से अधिक फल धारणा हेतु प्रति एकड 110 वृक्ष के हिसाब से कर्ज मर्यादा मंजुर की जाती है.

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