अमरावती

सोयाबीन, कपास की उत्पादकता कम होने की संभावना!

अतिवृष्टि से बुआई क्षेत्र का नुकसान

धामणगांव रेल्वे/दि.26- खरीफ मौसम में 90 प्रतिशत बुआई होकर जुलाई महीने में हुई अतिवृष्टि के कारण करीबन 1 लाख 32 हजार हेक्टर क्षेत्र की फसलें नष्ट हो गई है. इस क्षेत्र की खेत जमीन ही खराब हो जाने के कारण फिर से बुआई की संभावना दिखाई दे रही है. जिसके चलते संभावित भरपाई से किसानों के नुकसान की भरपाई हो सकेगी क्या, ऐसा प्रश्न उपस्थित हुआ है. साथ ही खेतमाल का उत्पादन धटने की संभावना है.
जिले के 14 तहसीलों में खरीफ की बुआई हो चुकी है. 20 जुलाई को 90 प्रतिशत क्षेत्र में बुआई होने की रिपोर्ट कृषि उपज विभाग ने दी. सोयाबीन, कपास व तुअर यह जिले के खरीफ मौसम की मुख्य फसलें हैं. 2 लाख 42 हजार हेक्टर में सोयाबीन व 2 लाख 35 हजार हेक्टर में कपास की बुआई हुई है.वहीं 1 लाख 2 हजार हेक्टर क्षेत्र में तुअर की बुआई के लिए है. मूंग की बुआई 7334 व उड़द 1600 हेक्टर में है. इस वर्ष 5, 10,18 व 19 जुलाई को जिले में अतिवृष्टि ने कहर किया. इसमें करीबन 1 लाख 32 हजार हेक्टर क्षेत्र की फसलें बर्बाद हुई. हाल ही में की गई बुआई भी बर्बाद हो गई. कुछ भागों में खेतों में पानी जमा होने से हाल ही मेंं उग आयी फसलें बर्बाद हो गई. बारिश के कारण 1 लाख 32 हजार हेक्टर क्षेत्र की दोनों फसलों का नुकसान हुआ है. जिसके चलते जिले की कुल उत्पादकता पर परिणाम होगा, ऐसा अंदाज खेती तज्ञों का है. शासन की ओर से नुकसानग्रस्तों को हेक्टरी 10 से 15 हजार रुपए मदद मिलने की उम्मीद है. लेकिन इस भरपाई से हुआ नुकसान भरकर नहीं निकलेगा, ऐसी किसानों की व्यथा है.

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