अमरावती/दि.8 – हाल ही में अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सोयाबीन को प्रतिक्विंटल 5 हजार 800 से 6 हजार 300 रेकार्ड दर मिल रही है. यह अभी तक मिली कीमत में सोयाबीन की सबसे ऊंची कीमत है. इसके साथ ही जिले में सोयाबीन कटाई के समय आयी अति बारिश के कारण 80 से 90प्रतिशत सोयाबीन गिला हो गया था. जिसके कारण उत्पादन घटा. साथ ही बीजों के लिए जिस दर्जे का सोयाबीन चाहिए वैसा नहीं मिला. इसलिए आगामी खरीफ सीजन में सोयाबीन के बीज अधिक नहीं रहेंगे. इसके साथ ही बीजों की कीमत में विगत वर्ष की तुलना में अधिक वृध्दि होगी, ऐसी संभावना कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों ने व्यक्त की है.
जिले की खरीप की मुख्य सोयाबीन की दर में विगत कुछ दिनों से लगातार वृध्दि हो रही है. इसमें ही मंगलवार, 6 अप्रैल को बाजार में उच्च क्वालिटी के सोयाबीन को 6 हजार 300 रूपये दर मिली है. यह भाव अमरावती में अभी तक मिले भाव से सबसे अधिक भाव है. बाजार में अभी तक सोयाबीन का भाव बढ़ने पर भी आवक बहुत कम है.. क्योंकि इस बार किसानों के पास संग्रह किए गये सोयाबीन बिक्री के लिए नहीं थे. क्योंकि सोयाबीन निकालने के ऐन समय मेंं जोरदार बारिश हुई थी. उसी प्रकार खरीप सीजन में अधिक बारिश होने के कारण सोयाबीन के उत्पादन पर जोरदार फटका बैठा था तथा सोयाबीन काटने के समय तेज बारिश हुई. अधिक मात्रा में सोयाबीन गिला हो गया. इस बारिश के कारण सोयाबीन का स्तर कम हो गया था. बुआई के लिए पानी न लगे व उच्च क्वालिटी के बीजों की जरूरत होती. उस बार ऐसे सोयाबीन कम है तथा जिन्होंने सोयाबीन संग्रह करके रखे थे. वे अब बिक्री के लिए आ रहे है. बाजार में सोयाबीन को रेकार्ड दर मिल रही है. इस बढ़ी हुई कीमत के कारण उच्च क्वालिटी के सोयाबीन की कमी के कारण अधिक मात्रा में सोयाबीन के बीज मिलना कठिन है. आगामी सीजन में महाबीज के बीज लगभग 90 से 95 रूपये किलो रहेंगे. इसी समय अन्य निजी कंपनी के बीजों की कीमत भी बढ़ने की संभावना है. विगत वर्ष महाबीज के बीज प्रति बॅग 2300 से 2400 रूपये दर से मिले थे.
सोयाबीन की बुआई बढ़ेगी, बीज महंगे होंगे
सोयाबीन निकालते समय बारिश आयी और सोयाबीन गिला हो गया. जिसके कारण बाजार में उच्च क्वालिटी के सोयाबीन बहुत कम बिक्री के लिए आए है. इस बार सोयाबीन की बुआई बढ़ेगी और बीज महंगे होंगे. अत: किसानों के पास जो सोयाबीन है उसकी बुआई करें.
– प्रकाश साबले
मांग बढ़ी और आपूर्ति घटी
सोयाबीन को प्रतिक्विंटल 6 हजार 200 रूपये दर पहलीबार मिली है. यह रेकार्ड भाव है. सोयाबीन का उत्पादन विदेश में भी घटा है. जिसके कारण आंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ी और आपूर्ति कम हो गई. कारण सोयाबीन के भाव में तेजी आयी है. ऐसी स्थिति लगभग 12 वर्ष पूर्व भी आयी थी. उस समय सोयाबीन को 700 से 800 रूपये प्रति क्विंटल भाव था.
– राजेश पाटिल,
अध्यक्ष, आडते एसो.कृउबास,अम.
सोयाबीन की बुआई में खरीफ सीजन में होगी वृध्दि
इस साल कपास का उत्पादन भी घटा है. जिले के अनेक क्षेत्र में कपास पर बोंड इल्ली का प्रभाव था. कुछ जगह पर बोंड इल्ली थी. जिसके कारण उत्पादन घटा. भाव भी 6 हजार रूपये से ऊपर नहीं गया. वास्तविकता में कपास की फसल के लिए मेहनत और मशागत दोनों सोयाबीन की तुलना में अधिक है. जिसके कारण इस बार सोयाबीन व तुअर की बुआई बढ़ने की संभावना विशेषज्ञों ने व्यक्त की है. इसमें ही सोयाबीन के बीज भी महंगे होंगे.