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किसान संकट में
अमरावती/दि. 20 – इस बार की खरीफ की फसल में आरंभ में बारिश का गेप हो गया. अगस्त माह की अंतिम दिनों में बारिश की रिमझिम शुरू हुई जो अभी तक शुरू ही है. जिसके कारण अब सोयाबीन निकलने के सीजन में सोयाबीन का बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ हैे. जिसके कारण सोयाबीन कम हुआ है तथा फसल के लिए लगाया गया उत्पादन खर्च भी निकलेगा या नहीं ऐसी चिंता किसानों को सता रही है.
खरीप की सीजन में जुलाई माह में 9 व 11 अक्तूबर की अतिवृष्टि के कारण इसमें 35 हजार हेक्टर में सोयाबीन का नुकसान हुआ है. उसके बाद तीन सप्ताह तक बारिश के कारण गेप हो गया. जिसका परिणाम उत्पादन पर हुआ है. जिसमें किसान संभल नहीं पा रहा है. फिर उसके बाद सितंबर माह में अतिवृष्टि हो गई. नदी-नालों में बाढ़ आ जाने से फसल उखड़कर निकल गई. इसके अलावा 50 हजार हेक्टर में सोयाबीन क्षेत्र मेेंं पानी घुसने से सोयाबीन का बहुत नुकसान हुआ है. इस समय सोयाबीन की फसल निकलने का सीजन है. इसी काल में बारिश की रिमझिम शुरू रहने से सोयाबीन उसी जगह पर खराब हो जायेगा या नहीं ऐसा भय निर्माण हो गया है. सुखाए गये सोयाबीन बारिश में भीग गये. उसके दर्जे के अनुसार वह खराब हो रहे है. कुछ जगह पर सोयाबीन को अंकूर फुट रहे है. ऐसी विपरित स्थिति में उत्पादन भी कम हुआ और भाव भी कम हो गया है. जिसके परिणामस्वरूप किसान संकट में आ गया है.
उत्पादन खर्च भी पानी में
इस बार बारिश के कारण सोयाबीन का बड़ा नुकसान हुआ है. सोयाबीन निकलने के सीजन में बारिश शुरू रहने से फसल खेत में सड़ने काभय पैदा हो गया है. जिसके कारण उत्पादन खर्च भी निकलेगा या नहीं, ऐसी स्थिति है.
अशोक पाटिल, किसान
- लगातार बारिश के कारण इस बार सोयाबीन के उत्पादन में कमी आने की संभावना है. सोयाबीन निकलने के सीजन में फिर से बारिश शुरू हो गई हैे. उत्पादन भी कम हो रहा है और भाव भी कम होने से दिवाली कैसे मनेगी, किसानों के सामने यह सवाल खड़ा है.
– मनोहर वानखडे,
किसान