अमरावती/दि.24-विगत सत्र में सोयाबीन को 8 से 10 हजार का भाव मिला था. इस बार भी सत्र की शुरुआत में 5 हजार 500 से 6 हजार रुपए के करीब भाव मिला. जिसके चलते गत वर्ष की तरह इस बार भी मार्च के बाद सोयाबीन के दाम में तेजी आएगी, ऐसी उम्मीद किसानों को थी. लेकिन इस बार सोयाबीन के दाम में गिरावट आयी. फिलहाल विदर्भ के बाजार समिति में सोयाबीन को 4 हजार से 4.5 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है.
अमरावती कृषि उपज बाजार समिति में सोमवार को 3 हजार 315 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई. कम से कम 4 हजार 700 रुपए तक अधिकतम 4 हजार 831 रुपए दर मिला. अकोला की बाजार समिति में मंगलवार कोो 2435 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई. न्यूनतम 4095 और अधिकतम 4865 रपए यानि 4 हजार 400 रुपए प्रति क्विंटल दर मिली. यवतमाल बाजार समिति में न्यूनतम 4700 और अधिकतम 4831 एवं 4 हजार 765 रुपए प्रति क्विंटल दर मिली.
बीच के समय में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयापेंड के भाव बढ़े थे. परिणामस्वरुप भारतीय सोयापेंड की मांग बढ़ी थी. भारत से सोयापेंड निर्यात बढ़ने का आधार सोयाबीन को मिला. लेकिन खाद्यतेल की दर अधिक थी, जिसके चलते सरकार ने खाद्यतेल आयात शुल्क में काफी घट की. सोयाबीन एवं सूर्यफूल तेल का आयात दो वर्ष के लिए शुल्क मुक्त किया गया. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेल के दाम कम हुए. इसलिए देश में खाद्यतेल का आयात बढ़ा. देश में खाद्यतेल का संचयन तैयार हुआ है. परिणामस्वरुप देश में सोयाबीन तेल के भाव भी कम हो रहे हैं.
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