अमरावती प्रतिनिधि/दि.२९ – वापसी की बारिश ने तबाही मचाते हुए किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है. जिन किसानों ने अपने खेत की सोयाबीन फसल की कटाई कर वह रचकर घर में संग्रहित रखी है. उन किसानों के लिए राहत वाली खबर मिलने की उम्मीद जगी हुई है. संभावना है कि दीपावली तक सोयाबीन के भाव बढने के आसार नजर आ रहे है.
यहां बता दें कि सोयाबीन उत्पादक किसानों की दिक्कतों को वापसी की बारिश ने बढाने का काम किया है. इस स्थिति में भी सोयाबीन उत्पादको के लिए राहत की खबर है कि सोयाबीन को अच्छे दाम मिल सकते है. वहीं सोयाबीन उत्पादन में कमी को भापते हुए व्यापार भी इसका लाभ ले रहे है. ग्रामीण इलाकों में सोयाबीन उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य से भी कम भाव दिया जा रहा है. विदर्भ के जिलों में सोयाबीन को ३ हजार रुपए प्रति क्विंटल के आस-पास भाव दिया जा रहा है. इस खरीफ सत्र में सोयाबीन का उत्पादन घटने की मुख्य वजह सोयाबीन उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि तथा राजस्थान में फसल पर बीमारियों का प्रकोप होना है. विदर्भ की मंडियों व प्लांट में सोयाबीन की आवक भी हो रही है.
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सोयाबीन को औसत ४०३० रुपए प्रति क्विंटल भाव
मराठवाडा के लातुर थोक बाजार में सोयाबीन को औसत ४०३० रुपए प्रति क्विंटल भाव दिया गया. सोमवार को बाजार में ३३ हजार ९५६ क्विंटल सोयाबीन की आवक है. वहीं अकोला में सोयाबीन को ३९०० रुपए प्रति क्विंटल भाव दिया गया. मंडी में ६ हजार ५९४ क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई है. व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोयाबीन को बेहतर दाम मिल सकते है.
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बीजों की हो सकती है कमी महसूस
वर्ष २०२१-२२ खरीफ मौसम के दौरान बीजों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार के कृषि विभाग ने ग्रामीण स्तर पर एक अभियान शुरु किया है. जिसमें किसानों को अगले सीजन के लिए बुआई हेतु सोयाबीन बीज का उत्पादन करने और अलग रखने का आग्रह किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक कुल बीज क्षति का आकलन नहीं किया जा सकता है. लेकिन उम्मीद है कि इसमें कुछ कमी होगी. इसलिए अगले सत्र के लिए योजना बनाना शुरु किया गया है. राज्य में इस सीजन में सोयाबीन की बुआई लगभग ४३.५ हेक्टयर में की गई है. जबकि पिछले साल यह ४०.११ लाख हेक्टयर था. हालाकि इस वर्ष बीते कुछ सप्ताहों में राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है और इससे वर्तमान फसल प्रभावित हुई है.
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बीज अंकुरण की समस्या
इस खरीफ सीजन में सोयाबीन के बीज के अंकुरण को लेकर एक बडी विफलता की सूचनाएं दी गई है. इस संबंध में राज्य में किसानों द्वारा दर्ज की गई १.६० लाख से अधिक शिकायते भी दी गई है. महाराष्ट्र कृषि आयुक्तालय ने इस खरीफ सीजन में किसानों को हीन गुणवत्ता वाले सोयाबीन के बीज की आपूर्ति करने में उनकी कथित भूमिका के लिए ११ बीज कंपनियों का लायसंस रद्द कर दिए है. जिनके कारण अंकुरण नहीं हो पाया है.