नांदगांव खंडेश्वर/दि.27- मौसमनुसार दाम में चिल्लर चढ़ाव उतार के अलावा सोयाबीन के दाम स्थिर होने से बाजार पेठ की आवक कम होेने के साथ ही सोयाबीन बेेचे या रखे. ऐसी संभ्रम की स्थिति किसानों में देखी जा रही है.
सत्र के शुरुआत से किसान दाम बढ़ने की प्रतिक्षा में थे. जिसके चलते उन्होंने सोयाबीन जमा कर रखी. जिसे पैसों की आवश्यकता है या जमा कर रखने के लिए जगह का अभाव है, ऐसे किसानों ने मिले उस दाम में आवश्यकतानुसार ही बिक्री की. सत्र के नये सोयाबीन की खरीदी की शुरुआत हुई. तब से 5 हजार 500 रुपए से आगे दाम गया ही नहीं. सोयाबीन के दाम में गिरावट होकर 5 हजार से 5100 रुपए तक स्थिर हो जाने से अच्छे प्रति के सोयाबीन को गत सप्ताह में 5 से 5,100 रुपए दाम मिला. जिसके चलते केवल जरुरत के लिए ही किसान सोयाबीन बाजार में ला रहे हैं. स्थानीय बाजार समिति में जनवरी से मार्च इन तीन महीने की कालावधि में 15 हजार क्विंटल सोयाबीन की आवक होने के साथ ही गत वर्ष की तुलना से वह कम है. तहसील में अतिवृष्टि, वापसी की बारिश से सोयाबीन का नुकसान हुआ. सोयाबीन उत्पादन खर्च व मिलने वाले भाव का तालमेल नहीं बैठता. गत वर्ष 6,500 से 7 हजार तक दाम मिला था. लेकिन इस वर्ष मात्र सोयाबीन के दाम 5,500 रुपए से अधिक न होने के कारण गत वर्ष की तुलना में हजार से 1500 दाम प्रति क्विंटल कम मिलने से किसानों की सोयाबीन की बिक्री बाबत फिलहाल दुविधा मनःस्थिति है.
चना फसल की यहीं स्थिति
नाफेड से बंद हुई खरीदी का सीधा असर खुले बाजार के दाम पर होकर चने के दाम में गिरावट आयी है. तहसील में अब तक 1 हजार 770 क्विंटल चना खरीदा गया. लक्षांक पूर्ण होने के कारण बताकर पंजीयन किये किसानों का चना खरीदी करना नाफेड ने रोक दिया है. परन्तु इस बाबत अब तक लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ. तहसील खरीदी-बिक्री संस्था की ओर 3 हजार 691 किसानों ने पंजीयन करवाया था. पंजीयन करवाने वाले 2 हजार 950 किसान अब भी चना गिनने की प्रतिक्षा में है. शासन के हमी भाव 5 हजार 335 रुपए प्रति क्विंटल होकर खुले बाजार में मात्र चने को 4 हजार 400 से 4 हजार 500 रुपए दाम मिल रहा है.