अमरावती

सोयाबीन के दाम कम होने लगे, 4000 से 5000 रु.प्रति क्विंटल

किसान परेशान, खेतमाल घर आते ही बाजार भाव गड़बड़ाने लगे

अमरावती/दि.21 – नया सोयाबीन मार्केट में आते ही बाजार भाव कम होने की शुरुआत हो गई है. जुलाई माह से 10 हजार तक और अगस्त माह में 9 हजार तक स्थिर हुए सोयाबीन ने सोमवार 20 सितंबर को अमरावती के बाजार समति में नये सोयाबीन को 4 हजार से 5500 रुपए प्रति क्विंटल दर मिला. वहीं पुराने सोयाबीन की कीमत भी कम होकर 6500-7000 रुपए प्रति क्विंटल थी.
किसानों को हर साल विविध संकटों का सामना करना पड़ता है. नैसर्गिक आपत्ति से सुरक्षित रखा खेतमाल कीचड़ भरे रास्तों से घर लाते समय किसानों को काफी परेशानी होती है. खेतमाल घर आया कि बाजार भाव गड़बड़ाने लगते हैं. 15 दिनों पूर्व पुराने सोयाबीन को 10 हजार से अधिक भाव था. पश्चात बाजार भाव कम होते दिखाई दे रहा है. नये सोयाबीन को तो अल्प भाव मिलते दिखाई दे रहा है.
सितंबर के दूसरे सप्ताह में नये सोयाबीन को प्रति क्विंटल 6700 से 8000 रुपए भाव मिला था. अब अधिकांश किसानों के घरों में सोयाबीन आने के कारण बाजार भाव भी कम होते दिखाई दे रहा है. सोमवार को अमरावती बाजार समिति में नये सोयाबीन की आवक थी. इस सोयाबीन को प्रति क्विंटल 4 हजार से 5 हजार भाव मिला. इस पर से सोयाबीन के बाजार भाव में भारी घट होते दिखाई दे रहा है. बाजार भाव घटने से किसानों में चिंता दिखाई दे रही है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का कम उत्पादन है. उस पर केंद्रीय स्तर डीओसी निर्यात का नियोजन चलाये जाने के कारण देश में सोयाबीन को चढ़ता भाव मिला था. इस कारण महाराष्ट्र में 28 जिलों में सोयाबीन का विक्रमी पेरा किया गया. आज देश में मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन करने में अग्रसर है. मध्यप्रदेश को भी सोयाबीन उत्पादन में पछाड़ने की तैयारी महाराष्ट्र की है. ऐसी आशादायक स्थिति रहते केंद्र सरकार 15 लाख टन डीओसी आयात करने की जानकारी सोशल मीडिया पर आने लगी है. इसका सीधा परिणाम सोयाबीन के बाजार भाव पर पड़ा है. शनिवार को नये सोयाबीन को अमरावती में 8 हजार रुपए क्विंटल भाव था. मात्र इन तीन दिनों में सोयाबीन का भाव 2500 रुपए से कम हुआ है.

नये सोयाबीन की आवक बढ़ेगी

अब नये सोयाबीन की आवक शुरु होगी. उस समय बड़े पैमाने पर माल आने पर दाम पर असर होने वाला है. 10 हजार भाव होने के कारण बड़े पैमाने पर बुआई की गई है. लेकिन किसानों का माल बाजार में आने की शुरुआत होते ही भाव भी डगमगाने लगे है. अपेक्षित भाव नहीं मिलने पर किसान हवालदिल होंगे. सरकार ने अभी से अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय बाजार का विचार करते हुए किसान के हित के बारे में नहीं सोचा तो सोयाबीन में से उत्पन्न कमाएंगे ऐसा विचार करने वाले लाखों किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा.

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