अमरावती

सोयाबीन के दाम अभी भी 6 हजार के अंदर

केंद्र के डीओसी आयात नीति का असर

अमरावती/दि.23– इस वर्ष सोयाबीन का बाजार जिले में ठंडा दिखाई दे रहा हैं. अभी भी सोयाबीन के भाव 6 हजार तक नहीं पहुंचे हैं. पिछले वर्ष 10 हजार का आंकडा पार करने वाला सोयाबीन इस वर्ष अभी तक साढे पांच हजार प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा हैं. केंद्र व्दारा डीओसी व पॉम तेल आयात करने की नीति का असर सोयाबीन के स्थानीय बाजार में हुआ हैं. इस बार पिछले वर्ष की तुलना में भाव बढने की संभावना भी कम दिखाई दे रही हैं ऐसा खरीददारों का कहना हैं.
जिले में इस वर्ष ढाई लाख हेक्टेअर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की गई थी. अतिवृष्टि व मूसलाधार बारिश से फसलों का कुछ इलाकों में भारी नुकसान हुआ हैं. इसी कारण औसतन उत्पादन कम हुआ हैं. इस कारण इस वर्ष साढे तीन से चार लाख क्विंटल सोयाबीन जिले में होने का अनुमान लगाया गया हैं. दिवाली के बाद शुरु हुआ सोयाबीन का बाजार अभी काफी ठंडा हैं. उपज मंडी में आवक अभी भी 10 हजार क्विंटल से अधिक नहीं हो रही हैं. मंगलवार को मंडी में सोयाबीन की आवक 8783 क्विंटल थी और किसानों को सोयाबीन के दाम 5200 से 5560 रुपए प्रति क्विंटल मिले हैं. जबकि बीज के सोयाबीन को 5600 से 5950 रुपए भाव मिले. सोयाबीन को अभी भी 6 हजार भाव नहीं मिल पाए हैं. विशेष यानी इस वर्ष स्टॉक लिमिट हटाए जाने से स्टॉकिस्ट बाजार में उतरे हैं. साथ ही अतिवृष्टि के कारणा सोयाबीन कम होने से बीज के लिए उच्च दर्जे का सोयाबीन खरीदने बीज कंपनियां भी बाजार में उतरी हैं. इन दो प्रमुख खरीददारों के बाजार में प्रवेश के कारण सोयाबीन के भाव बढेंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था. लेकिन केंद्र व्दारा विदेश से डीओसी और पॉम तेल आयात करने की नीति का असर देश के सोयाबीन पर होने लगा हैं. स्टॉकिस्ट व्दारा खरीदी के लिए आर्थिक निवेश कम किया गया हैं. तेल कंपनी ने भी पॉम तेल के आयात के कारण हाथ पीछे खिचे हैं. बीज कंपनी की खरीदी मर्यादित स्वरुप की हैं.

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