अमरावती

ग्रीष्मकाल में सोयाबीन की बुआई महत्वपूर्ण

भाव बढने से ग्रीष्मकाल में सोयाबीन बोने के लिए किसानों का उत्साह

* जिले में केवल 20 हेक्टर क्षेत्र
अमरावती/दि.8 – ग्रीष्मकाल में सोयाबीन की बुआई करने पर किसानोें का उत्साह भाव बढनेे के कारण बढ गया है. अन्य जिले की तुलना में अमरावती जिले में कम है. इस बार केवल 20 हेक्टर में ग्रीष्मकालीन सोयाबीन की बुआई हुई है. ग्रीष्मकालीन सोयाबीन बीजो की उंगाने की शक्ति 90 प्रतिशत होने से खरीफ के लिए दर्जेदार बीज उपलब्ध थे. जिसके कारण किसानों ने ग्रीष्मकालीन सोयाबीन बुआई के लिए जनजागृति की गई थी.
इस बार दो तहसील में ग्रीष्मकालीन सोयाबीन का क्षेत्र है. इसमें चांदुर रेल्वे तहसील में 17.80 हेक्टर तथा चिखलदरा तहसील में 2.20 हेक्टर बुआई क्षेत्र है. इस साल खरीफ में सोयाबीन निकालने के सीजन में अगस्त से अक्तूबर के अंतिम माह तक बारिश की रिमझिम शुरू थी. जिसके कारण सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ है.उत्पादन कम व उसकी तुलना में मांग अधिक होने से सोयाबीन का भाव 6 से 7 हजार पर रहा है.

* ऐसा है सोयाबीन का क्षेत्र
इस बार शुरूआती दौर में ही सोयाबीन की दर हमीभाव की अपेक्षा अधिक होेने से इस बार ग्रीष्मकालीन सोयाबीन की बुआई बढेगी. ऐसा अनुमान कृषि विभाग का था. उसनुसार किसानों में जनजागृति की गई थी. चांदुर रेल्वे तहसील में 17.80 हेक्टर तथा चिखलदरा 2.20 हेक्टर ऐसा कुल 20 हेक्टर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन सोयाबीन का बुआई क्षेत्र है.

* 15 जनवरी के भीतर बुआई होना चाहिए
ग्रीष्मकालीन सोयाबीन की बुआई होने पर बुआई यह 15 जनवरी के भीतर करनी चाहिए. ऐसा कृषि विभाग ने बताया. 100 दिन की इस फसल को ग्रीष्मकाल में उत्पादन खर्च कम आता है. उत्पादन खरीफ की तुलना में कम होने पर भी अगलेे सीजन के लिए 90 प्रतिशत पर उत्पादन क्षमता वालेे घर के ही बीज उपलब्ध रहते .

* इस प्रकार रखे ध्यान
ग्रीष्मकालीन सोयाबीन की बुआई 15 जनवरी तक करना महत्वपूर्ण है. अधिक धूप होने पर फूल गलने का खतरा रहता है. जिले में बुआई क्षेत्र कम है व फसल भी अच्छी स्थिति में है.
अनिल खर्चान ,एसएओ

किसान कहते है ग्रीष्मकालीन सोयाबीन के लिए जिले का वातावरण पोषक है. व ग्रीष्मकाल में सोयाबीन को भाव भी अधिक रहता है व उत्पादन खर्च भी कम है. जनवरी के शुरूआत में बुआई करने पर फसल अच्छी होती है.
भूषण देशमुख, किसान

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