अमरावतीमहाराष्ट्र

महायुती की पहली ही बैठक में मतभेदों की चिंगारी

लोकसभा प्रत्याशी को लेकर दिखा ‘बेबनाव’ उम्मीदवार

* सर्वसम्मति बनाने के नाम पर सामने आये अलग-अलग सूर
* सभी घटकदलों ने किया अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन, जमकर हुई नारेबाजियां
अमरावती /दि.15– आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की सत्त संभाल रही महायुती में शामिल घटक दलों में एकजूटता बढाने हेतु गत रोज अमरावती में महायुती के घटकदलों के नेताओं का संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया गया था. जिसमें प्रहार के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू के अलावा अन्य सभी नेताओं ने हाजिरी लगाई. कहने को तो इस बैठक में शामिल सभी नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सर्वसम्मति से प्रत्याशी तय करने की बात कही. परंतु वह प्रत्याशी अपने ही दल से हो तथा खुदको ज्यादा तवज्जों मिले, इस बात के मद्देनजर सभी नेताओं व उनके समर्थकों ने इस सम्मेलन के दौरान जमकर शक्ति प्रदर्शन किया. साथ ही इस सम्मेलन में शामिल सभी नेताओं ने अपने भाषणों के जरिए आपस में ही एक-दूसरे पर जमकर शाब्दिक बाण भी चलाये तथा कुछ पुराने विवादों को कुरेदते हुए कभी अपने प्रखर विरोधी रहे नेताओं को उनके द्वारा कहे गये वक्तव्यों की इशारों ही इशारों में याद दिलायी. जिसके चलते इस सम्मेलन में एकजुटता बनने की बजाय नेताओं के बीच रहने वाले मतभेद और भी उभरकर सामने आये.
बता दें कि, आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए महायुती के शामिल भारतीय जनता पार्टी, शिंदे गुट वाली शिवसेना व अजित गुट वाली राकांपा सहित अन्य 11 घटक दलों का जिला स्तरीय संयुक्त सम्मेलन कल रविवार 14 जनवरी को शासकीय ज्ञान विज्ञान संस्था के संगीतसूर्य केशवराव भोसले सभागृह में आयोजित किया गया था. जिसमें भाजपा के जिलाध्यक्ष सांसद डॉ. अनिल बोंडे, शहराध्यक्ष व महायुती के समन्वयक विधायक प्रवीण पोटे, शिवसेना शिंदे गुट के राष्ट्रीय सचिव पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल व जिलाध्यक्ष अरुण पडोले, राकांपा अजित पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके व महिला नेत्री सुरेखा ठाकरे, युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा, रिपाई आठवले गुट के प्रकाश बनसोड, रिपाई कवाडे गुट के चरणदास इंगोले सहित भाजपा के प्रदेश महासचिव जयंत डेहनकर, प्रदेश सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, पूर्व महापौर किरण महल्ले, एड. प्रशांत देशपांडे व डॉ. नितिन धांडे आदि प्रमुख तौर पर उपस्थित थे.
इस सम्मेलन की प्रस्तावना रखते हुए राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री पद पर विराजमान रखने हेतु ‘अबकी बार 400 के पार’ का नारा देते हुए महायुती के सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं से एकजूट होकर काम करने का आवाहन किया. साथ ही यह भी कहा कि, महायुती व एनडीए के प्रमुख दल भाजपा द्वारा संसदीय सीट पर प्रत्याशी तय करते समय सर्वसमावेशक विचार किया जाएगा. इसी बात को पकडते हुए राकांपा अजित पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने कहा कि, लोकसभा चुनाव हेतु अमरावती संसदीय सीट पर प्रत्याशी तय करने से पहले महायुती में शामिल सभी घटक दल के नेताओं व पदाधिकारियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए और उसके बाद ही उम्मीदवारी तय की जानी चाहिए. साथ ही राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने अपने भाषण में दो बार अमरावती जिले का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल का जिक्र करते हुए इशारों ही इशारों में बता दिया कि, उनका झुकाव किस तरफ है.

वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक अभिजित अडसूल ने कहा कि, यदि बीच के ढाई वर्ष का समय छोड दिया जाये, तो शिवसेना व भाजपा की युती विगत कई वर्षों से है और जिस समय भाजपा व शिवसेना के पास कोई सत्ता नहीं थी. उस समय दिवंगत बालासाहब ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी व भाजपा नेता प्रमोद महाजन के प्रयासों से यह युती हुई थी. जिसके चलते आज कई दल व नेता इस युती के साथ जुड पाये है. जिसकी वजह से यह महायुती बन पायी है. इस समय अजित अडसूल के बिना नाम लिये विधायक रवि राणा पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि, किसी समय हम भी भाजपा के साथ सत्ता में शामिल थे और कभी भाजपा के खिलाफ भी गये. लेकिन हमने कभी भी किसी राजनीतिक दल के नेता या जनप्रतिनिधि की अवहेलना नहीं की, बल्कि हमने हमेशा अपने से वरिष्ठ नेताओं व जनप्रतिनिधियों के उम्र व अनुभव का पूरा सम्मान किया.

इसी बात को आगे बढाते हुए महायुती के जिला समन्वयक तथा भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक प्रवीण पोटे ने भी कहा कि, महायुती में शामिल प्रत्येक घटक दल के नेताओं ने अन्य घटक दलों के नेताओं का पूरा सम्मान रखना ही चाहिए, तभी यह महायुती टीक पाएगी. उल्लेखनीय है कि, किसी समय विधायक रवि राणा ने तत्कालीन पालकमंत्री रहने वाले प्रवीण पोटे के लिए बालकमंत्री शब्द का प्रयोग किया था. जिसकी विधायक रवि राणा को याद दिलाते हुए विधायक प्रवीण पोटे ने कहा कि, आप जिन देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में खडे हो, उन्हीं देवेंद्र फडणवीस ने उस समय मुझे पालकमंत्री बनाया था. जिस तरह दूध में शक्कर घुल जाती है, उसी तरह दूध में नमक भी घुल जाता है. लेकिन दोनों के स्वाद व परिणाम में फर्क होता है. अत: अपने द्वारा कही जाने वाली बातों के आगे चलकर होने वाले परिणाम के बारे में भी हर किसी ने विचार करना चाहिए.

विधायक प्रवीण पोटे व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल द्वारा अपने पूर्व वक्तव्य को लेकर निशाना साधे जाने तथा बैठक में अपने खिलाफ माहौल बनता दिखाई देने के चलते विधायक रवि राणा ने कुछ हद तक नर्म भूमिका अपनाई और कहा कि, राजनीतिक व सामाजिक जीवन में काम करते समय कभी-कभी कुछ गलतियां हो जाती है. लेकिन आज महायुती के इस मंच पर एकत्रित आते हुए अपनी गलतियों को दुरुस्त करने का मौका सभी के पास है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि भूतकाल में उनके द्वारा भी कोई गलती हुई है, तो वे उन तमाम गलतियों के लिए सभी से माफी मांगना चाहते है.

इसके अलावा महायुती में शामिल प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित मंगेश देशमुख ने कहा कि, फिलहाल प्रहार पार्टी के अमरावती जिले में दो विधायक है. इस बात को लोकसभा हेतु प्रत्याशी तय करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, महायुती के शामिल सभी घटक दल एकजूट होकर काम करें, ऐसी भावना प्रहार पार्टी के संस्थापक व विधायक बच्चू कडू की भी है. इसके साथ ही इस बैठक में राकांपा अजित पवार गुट की महिला नेत्री सुरेखा ठाकरे रिपाई आठवले गुट के प्रकाश बनसोड व रिपाई कवाडे गुट के चरणदास इंगोले ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में महायुती की ओर से प्रत्याशी तय करते समय सभी दलों के नेताओं को विश्वास में लेकर ही निर्णय लिये जाने का आवाहन किया.
महायुती के इस पहले संयुक्त सम्मेलन मेें संचालन भाजपा के शहर महासचिव प्रशांत शेगोकार व आभार प्रदर्शन भाजपा के शहर उपाध्यक्ष चेतन पवार द्वारा किया गया. इस बैठक में राकांपा अजित पवार गुट के संतोष महात्मे, शिवसेना शिंदे गुट के महानगर प्रमुख संतोष बद्रे, भाजयुमो के शहराध्यक्ष कौशिक अग्रवाल, प्रदेश पदाधिकारी बादल कुलकर्णी, पूर्व महापौर चेतन गावंडे व प्रा. रविंद्र खांडेकर सहित सभी घटक दलों के पदाधिकारी बडी संख्या में उपस्थित थे.

झलकियां
– भाजपा, शिवसेना, राकांपा व प्रहार के चुनिंदा कार्यकर्ताओं की हाजिरी.
– व्यासपीठ पर नेताओं व पदाधिकारियों की रही भीड.
– सभागार में प्रत्येक दल के कार्यकर्ता अलग-अलग गुटों की शक्ल में बैठे दिखे.
– सभी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने नेताओं के भाषण के समय जमकर नारेबाजी की गई. जिसे एक तरह से नेताओं का शक्ति प्रदर्शन माना गया.
– सबसे अधिक शक्ति प्रदर्शन विधायक राणा तथा पूर्व विधायक अडसूल के गुट की ओर से दिखाई दिया.
– सभा खत्म होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने अगला सांसद शिवसेना का रहने की नारेबाजी की.
– वहीं दूसरी ओर विधायक राणा के समर्थकों ने सांसद नवनीत राणा के समर्थन में जमकर नारे लगाये.
– विधायक बच्चू कडू की गैरहाजिरी इस सम्मेलन में चर्चा का विषय रही. हालांकि प्रहार पार्टी की ओर से इस सम्मेलन में उपस्थित रहने हेतु प्रतिनिधि के तौर पर मंगेश देशमुख को भेजा गया था.


* फिलहाल हम तटस्थ, सब ऑल वेल नहीं हुआ, तो गेम करेंगे
– विधायक बच्चू कडू ने भाजपा को दी सीधी चेतावनी
जहां एक ओर महायुती में शामिल सभी घटक दलों की एकजूटता दिखाने हेतु गत रोज भाजपा द्वारा पहली जिलास्तरीय संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया था. वहीं दूसरी ओर महायुती में शामिल प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व विधायक बच्चू कडू ने अपनी अलग ही राह पकड ली है. गत रोज विधायक बच्चू कडू महायुती के संयुक्त सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे तथा उन्होंने यह भी स्पष्ट तौर पर कहा कि, वे जानबूझकर इस बैठक में शामिल होने नहीं जा रहे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, भाजपा के लिए संसदीय चुनाव जितना महत्वपूर्ण है, हमारे लिये विधानसभा चुनाव उतना ही महत्वपूर्ण है. ऐसे में जब तक भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती, तब तक वे तटस्थ रहेंगे और कुछ समय तक इंतजार भी करेंगे. लेकिन यदि भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर ‘ऑल वेल’ निर्णय नहीं लिया जाता है, तो फिर वे ‘गेम’ बजा देंगे. इस समय विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, आगामी 5 फरवरी को वे महाराष्ट्र के अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित करने जा रहे है. जिसमें आगामी चुनाव और संभावित गठबंधन को लेकर निर्णय लिया जाएगा. इससे पहले भाजपा ने हमारे साथ सभी बातों को लेकर चर्चा कर लेनी चाहिए और लोकसभा व विधानसभा चुनाव में किसकी क्या भूमिका रहेगी, यह अभी से साफ हो जाना चाहिए.

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