अमरावतीमुख्य समाचार

पटाखें जलाते समय सुरक्षा का रखे विशेष ध्यान

दमकल विभाग के उपकेंद्र प्रमुख सैय्यद अनवर की अपील

अमरावती/ दि.2 – दीपावली सहित अन्य शुभ अवसरों पर आतिषबाजी करने की परंपरा है. इसमें भी दीपावली पर्व के दौरान आतिषबाजी भी की जाती है, लेकिन यह आतिषबाजी कभी कभार दुर्घटनाओं को न्यौता देने वाले साबित होते है. इसलिए दीपावली त्यौहार में पटाखें जलाते समय सुरक्षा से जुडी सावधानियों को बरतना चाहिए. यह महत्वपूर्ण बाते दमकल विभाग के उपकेंद्र प्रमुख सैय्यद अनवर ने नागरिकों से की.
अक्सर देखा गया है कि दीपावली त्यौहार के दौरान पटाखों से आग लगने की भी घटनाएं सामने आती हैं. इसलिए पटाखें जलाते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए, अन्यथा खुशी के पल दुख के पल बन सकते है. दमकल विभाग के नियमों का पालन करने पर पटाखों से लगने वाली आग की घटनाओं से बचा जा सकता है. इसलिए पटाखा जलाते समय हमेशा एक बाल्टी और थोडी से रेत पास में रहना चाहिए. प्रयोग में लायी गई या फिर बुझ चुकी फुलझडियां, रॉकेट जैसी आतिषबाजी सामग्री को पानी से भरी बाल्टी या सुखी रेत में डाले जाए, अपने चेहरे को दूर रखते हुए पटाखा जलाया जाए, उडने वाले पटाखों को घर के भीतर जाने से रोकने के लिए घर की खिडकियां और दरवाजे बंद करें, केवल मानक तरीकों से बनाये गए पटाखों का उपयोग करें, छोटे बच्चे यदि पटाखे जलाते है तो उनके सामने बडे व्यक्तियों ने मौजूद रहना चाहिए, खुले मैदान और खुले स्थानों पर पटाखा जलाना काफी सुरक्षित है. फुलझडी जैसे पटाखे शरीर से अलग जलाने चाहिए, पटाखे जलाते समय कसे हुए सुती वस्त्र धारन करें, सुरक्षा के लिहाज से जुता व चष्मा पहने. यदि दुर्घटनावश जल जाए तो जहां पर जलन हो रही है वहां पर ठंडा पानी डाले जब तक दर्द कम न हो. उसके बाद डॉक्टर के पास ले जाए. जरुरत पडने पर ही फायर ब्रिगेड की सहायता ली जाए.

किसी भी बडे व्यक्ति की गैर मौजूदगी में बच्चों को पटाखें जलाने नहीं देने चाहिए. अधजले पटाखें दुबारा न जलाए, मकान के बिल्कुल सटकर पटाखें नहीं जलाये, फर्श पर या पटाखे के समीप जलते तेल के दिये, अगरबत्ती या मोमबत्ती कभी नहीं छोंडे, मकान में या मकान के आस-पास कबाड या कोई अन्य ज्वलनशील वस्तु जमा नहीं करे, घर के अंदर कभी भी पटाख नहीं चलाने दें, चल रहे पटाखों के बीच कभी भी हाथ में फ्लावर पॉट्स, एटम बन, लडी आदि नहीं रखें, खतरनाक ओैश्र तेज आवाज करने वाले पटाखों के पास कभी भी बच्चों को नहीं जाने दें, पटाखे की दुकान के पास पटाखे कभी नहीं जलाये, खुले स्थानों पर अंधाधुंध जले हुए पटाखे नहीं फेंके, अधजले पटाखों को दुबारा नहीं जलाये या उन्हें सही करने का प्रयास न करें, बंद डिब्बों में कभी पटाखे नहीं जलाये, सरकारी जगह पर रॉकेट नहीं चलाए.

 

Related Articles

Back to top button