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बिजली चोरी के खिलाफ महावितरण का विशेष अभियान

आठ दिन में निकाले 51 हजार आकोडे

अमरावती/मुंबई/ दि.2– बढता गर्मी का तापमान व कोरोना काल के बाद उद्योग जगत की ओर से बढी बिजली की मांग के कारण महावितरण की फिलहाल उच्चतम मांग 24000 से 24500 मेगावैट तक पहुंच गई है. कोयले की कमी के कारण बिजली निर्माण में कमी आयी है. इसे देखते हुए बिजली यंत्रों पर भार बढ गया है. ट्रान्सफार्मर पर विशेष ध्यान देकर ट्रान्सफार्मर की क्षमता और उसपर बिजली का भार जांचने का अभियान राज्यभर में चलाया जा रहा है. इस अभियान के दौरान अवैध तरीके से बिजली के तारों पर डाले गए 51 हजार 597 आकोडे निकाले गए.
महावितरण के संचालक संजय ताकसांडे ने महावितरण के क्षेत्रिय स्तर पर सभी मुख्य अभियंता व अधिक्षक अभियंता की हाल ही में ऑनलाइन बैठक लेकर बिजली चोरी करने वाले, इसी तरह अनधिकृत तरीके से बिजली का उपयोग करने वालों के खिलाफ कडे कार्रवाई करने के आदेश दिये है. हर जिले के ट्रान्सफार्मर पर मंजूर भार से अधिक भार होने पर ऐसे सभी ट्रान्सफार्मर की विशेष जांच अभियान चलाने के निर्देश उन्होंने दिये है.
बीते 21 अप्रैल से 28 अप्रैल इन आठ दिनों में अनधिकृत बिजली का उपयोग करने के लिए बिजली के तारों पर डाले गए 51 हजार 597 आकोडे महावितरण के कर्मचारियों ने निकाले है. बिजली चोरी के लिए उपयोग किये गए सर्विस वायर, केबल, स्टार्टर आदि सामग्री महावितरण ने बरामद की है. इस अभियान के कारण बिजली यंत्रणा पर तनाव कम हुआ है. राज्यभर 2485 बिजली के तारों पर 192 मेगावैट बिजली का भार कम हुआ है. इसी तरह इस अभियान के कारण अनावश्यक बढ रही बिजली की मांग भी कम होकर बिजली कटौती की तीव्रता भी कम हुई है.

कहां कितने आकोडे निकाले
इस अभियान में औरंगाबाद परिमंडल में 4967, लातूर परिमंडल में 3848, नांदेड परिमंडल में 9030, कल्याण परिमंडल में 4178, भांडूप परिमंडल में 33, नाशिक परिमंडल में 9316, जलगांव परिमंडल में 4790, नागपुर परिमंडल में 221, अमरावती परिमंडल में 1200, चंद्रपुर परिमंडल में 297, गोंदिया परिमंडल में 717, अकोला परिमंडल में 1897, बारामती परिमंडल में 8919, पुणे परिमंडल में 923 और कोल्हापुर परिमंडल में 1261 आकोडे निकाले गए.

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