दीपावली के पर्व पर सुगंधी उबटन का विशेष महत्व
अमरावती/29– भारतीय संस्कृति के अनुसार दीपावली के पर्व पर अभ्यंग स्नान के लिए सुगंधी उबटन का अधिक महत्व है. धनतेरस से शुरु हुए इस पर्व के चलते अगले चार दिनों तक सुगंधी उबटन से अभ्यंगस्नान किया जाता है. अपने पूर्वजों से मिले नुस्खों से बने उबटन का खास महत्व होता है. दीपावली पर्व पर जवाहर गेट परिसर के विक्रेता सुमेरचंद वारकरी के दुकान में अंकिता जैन द्वारा घरेलू प्राकृतिक जडी बुटियों से बनाया सुंगधी उबटन बिक्री हेतु उपलब्ध है. इनके सुगंधी उबटन की मांग बढ रही है. उनके द्वारा बनाए गए उबटन में रसायन की मिलावट नहीं होती. आयुर्वेद में उबटन को काफी महत्व है. इसके बनाने के लिए नागरमोथा, गुलाबफूल, चंदन, केशर, बावची, कचोरा, कापूरकचरी, तुलसी, हल्दी, गुलाबजल, इसका उपयोग किया जाता है. आज भी कई घरों में साबून के बेहतरीन विकल्प के तौर पर आयुर्वेदिक औषधियों से तैयार किए उबटन का प्रयोग किया जाता है. सुंगधी उबटन के साथ ही दीपावली को सुगंधी एवम् मांगल्य स्वरूप प्राप्त होता है.