अमरावती

‘लाईव्ह एंजियोप्लॉस्टी’ केस पर विशेष

अमरावती के इतिहास में पहली बार ‘लाईव्ह एंजियोप्लॉस्टी’ केस का पूरे भारत में प्रदर्शन किया गया. जिसमें पूरे भारत के करीब 90 कॉर्डिओलॉजिस्ट ने सहभाग लिया.
हदयरोग के लिए सुप्रसिध्द झेनिथ हॉस्पिटल के कॉर्डिओलॉजिस्ट डॉ. नीरज राघानी ने यह केस परफॉर्म किया और ऑनलाईन प्लॅटफॉर्म से जुडे सभी कॉडिओलॉजिस्ट ने यह केस लाईव्ह देखा और जटिल (कॉम्पलेक्स) एंजिओप्लॉस्टी करने का कौशल सीखा.
डॉ. नीरज राघानी ने जो केस पर परफॉर्म किया वह काफी जटिल था. 71 वर्षीय महिला मरीज के हृदय की मुख्य नस (लैफ्ट मैन्स) पूरी तरह से ब्लॉक थी और इस नस से जुडनेवाली और दो नसे भी ब्लॉक थी. इसका डॉ. नीरज राघानी ने सफलतापूर्वक इलाज किया. इस तरह के कॉम्प्लेक्स एंजिओप्लास्टी को ‘Bituecation stenting Angioplasty’ कहा जाता है और इस तरह के एंजिओप्लॉस्टी में डॉ. राघानी को महारथ हासिल है. यह एंजिओप्लास्टी आईवीओएस (इन्ट्रावस्कलर अल्ट्रासाऊ ंड) इस तकनीक की मदद से ली गई. जो केवल झेनिथ हॉस्पिटल में ही उपलब्ध है. आयवीयुएस से हम नसों को भीतर से भी देख सकते है. जिससे एंजिओप्लॉस्टी में काफी अच्छे परिणाम मिलते है.
एंजिओप्लाटी के इस लाईव्ह प्रदर्शन में देश और दुनिया के करीब 90 कॉर्डिओलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया. जिसमें मुख्यत: मुंबई से डॉ. रत्नपारखी , डॉ. शंतनु सेनगुप्ता, पुणे से डॉ. हिरेमन, नागपुर से डॉ. महेश फुलवानी को सभी डॉक्टर्स (कॉर्डिओलॉजिस्ट) ने लाईव्ह केस के दौरान केस से जुडी काफी बातों पर अपने विचारों का आदान प्रदान किया और इस कॉम्प्लेक्स एंजिओप्लास्टी की सफलता पर डॉ् नीरज राघानी की सराहना की. मुंबई के डॉ. रत्नपारखी ने डॉ. राघानी को कहा कि वह मुलत: अमरावती के ही है और अमरावती के झेनिथ हॉस्पिटल में इस तरह के कॉम्प्लेक्स केसेस होते देख उन्हें गर्व महसूस हो रहा है.
डॉ. राघानी से बातचीत के दौरान उन्होंने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि हदयरोगी के लिए सभी आधुनिक सुविधाए झेनिथ हॉस्पिटल में उपलब्ध है, जिससे इस विभाग के लोगों को अब इलाज के लिए किसी मेट्रो शहर में जाने की जरूरत नहीं है और हमने आज लाईव्ह केस करके देश और दुनिया को यह बता दिया है कि हम किसी भी तरह के कॉम्पलेक्स (जटिल)केस का सफलतापूर्वक इलाज अमरावती में करते है.

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