महिलाओें के लिए नये साल में खास पैकेज
छात्राओें को होस्टेल के लिए मिलेगा सालाना दस हजार रूपये तक अनुदान
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ज्युदो कराटे, योगा व जीवन कौशल्य प्रशिक्षण अनुदान में भी वृध्दि
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अंगनवाडी सेविका व आशा वर्कर को मिलेगा पुरस्कार
मुंबई/दि.20– जिला परिषद क्षेत्रों में महिला व बालकल्याण समितियों द्वारा जिला परिषद की आय से चलायी जानेवाली योजनाओं के अंतर्गत अब तहसील स्तर पर रहकर पढाई करनेवाली छात्राओं को होस्टेल के लिए 7 हजार रूपये तथा जिला मुख्यालय में रहकर पढाई करनेवाली छात्राओं को 10 हजार रूपये सालाना राशि एकमुश्त दिये जाने का निर्णय लिया गया है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए राज्य के ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि, लडकियों को स्वरक्षण एवं शारीरिक विकास प्रशिक्षण की योजना के तहत ज्युदो कराटे, योगा व जीवनकौशल्य प्रशिक्षण हेतु 600 रूपयों की बजाय 1 हजार रूपये का प्रशिक्षण अनुदान दिया जायेगा. इसके साथ ही कक्षा 7 वीं से 12 वीं उत्तीर्ण छात्राओं को कंप्यूटर संबंधी ज्ञान व कौशल्य दिलवाने हेतु चलायी जा रही योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचेवाले परिवारों सहित जिन परिवारों की आय 50 हजार रूपये से कम है, ऐसे परिवारों की लडकियों को दिया जाता था. जिसकी अधिकतम मर्यादा अब 1 लाख 20 हजार रूपयों तक बढा दी गई है.
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जिला परिषद के लिए 15 लाख रूपयों का प्रावधान
– बालवाडी व अंगनवाडी सेविका, मदतनीस, पर्यवेक्षिका, आशावर्कर तथा जिला परिषद अंतर्गत मानधन तत्व पर कार्यरत कर्मचारियों को पुरस्कार दिया जायेगा. इस योजना हेतु प्रत्येक जिला परिषद में सालाना 15 लाख रूपये तक खर्च किया जायेगा.
– बालवाडी व अंगनवाडी में बेहतरीन काम करनेवाली अंगनवाडी सेविकाओें, सहायिकाओें, पर्यवेक्षिकाओं तथा आशावर्कर सहित जिला परिषद अंतर्गत मानधन तत्व पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को आदर्श पुरस्कार तथा पांच हजार से दस हजार रूपये तक प्रोत्साहन अनुदान दिया जायेगा.
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कुपोषण मुक्त गांव को मिलेगा 50 हजार रूपयों का इनाम
गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले परिवारों सहित सालाना अधिकतम 1 लाख 20 हजार रूपयों की आय रहनेवाले परिवारों की कन्याओं को कन्यादान साहित्य वितरित किया जायेगा. साथ ही बालविकास प्रकल्प अंतर्गत जिन गांवों व ग्रामपंचायतों में अतितीव्र कुपोषित बालकोें की संख्या शून्य होगी, ऐसी ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष अतितीव्र कुपोषित बालक मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करते हुए 50 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा.
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अधिकारपूर्ण घर मिलेगा
घरकुल योजना अंतर्गत तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं के साथ ही जरूरतमंद महिलाओं और भिक्षागृह से छूटकर जिले में पुनर्वास हेतु भेजी गयी महिलाओं का समावेश किया गया है. इन महिलाओं को उनका अपना घर मिले, इस हेतु 50 हजार रूपये तक खर्च किये जायेंगे.
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दो हजार रूपयों की शालेय वित्त सहायता
अनाथ अथवा एकल पालक रहनेवाली अंगनवाडी से कक्षा 10 वीं तक की छात्राओं को शालेय साहित्य, शिक्षा शुल्क एवं अन्य आवश्यक खर्च हेतु डीबीटी के जरिये 2 हजार रूपयों तक की वित्तीय सहायता दी जायेगी.
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आटा चक्की व छोटी किराणा दुकान के लिए अनुदान
– जिला परिषद के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं का कक्षा 12 वीं में विशेष प्राविण्यता प्राप्त करने पर सत्कार किया जाता था, वहीं अब कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं में विशेष प्राविण्यता प्राप्त करने पर 18 वर्ष से कम आयुवाले छात्र-छात्राओं का सत्कार किया जायेगा.
– महिलाओं को सरकारी योजना अंतर्गत आटा चक्की, सौर कंदील, सिलाई मशीन, पिको फॉल मशीन तथा प्रचलित परिस्थिती नुसार पल्वराईझर, पशुधन संगोपन, छोटे किराणा दुकान, मिनी दालमिल, घरगुती फल प्रक्रिया उद्योग व मसाला उद्योग आदि से संबंधित साहित्य की आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है.
– वस्तु वितरण करते समय प्रति महिला अधिकतम 20 हजार रूपयों की बजाय 30 हजार रूपये खर्च किये जायेंगे और गरीबी रेखा के नीचे पर्याप्त संख्या में महिला लाभार्थी नहीं मिलने पर अन्य महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा.
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1 हजार रूपये का मानधन
किशोरवयीन युवतियों व महिलाओं को इससे पहले जेंडर स्वास्थ्य, परिवार नियोजन व कानून विषयक प्रशिक्षण देने हेतु मार्गदर्शकोें को 200 से 500 रूपयों तक मानधन दिया जाता था. जिसे अब 1 हजार रूपये कर दिया गया है. साथ ही मार्गदर्शकोें को यात्रा भत्ता व महंगाई भत्ता देने के बारे में भी निर्णय लिया गया.