अमरावती

1 करोड दिव्यांगों के लिए दिया जाए विशेष पैकेज

शंकरबाबा पापलकर की पीएम मोदी से भावनात्मक अपील

अमरावती/दि.4 – विगत बुधवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री द्बारा वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया गया. जिसमें दिव्यांगों हेतु केवल 500 करोड रुपयों का प्रावधान किया गया. इस प्रावधान को 5 हजार करोड करते हुए देश के करीब 7 करोड दिव्यांगों को न्याय देने तथा लगभग 1 करोड अनाथ दिव्यांगों के लिए विशेष पैकेज घोषित करने की सख्त जरुरत है. इस आशय की भावनात्मक अपील अनाथों के नाथ कहे जाते डॉ. शंकरबाबा पापलकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.
अचलपुर तहसील अंतर्गत वझ्झर स्थित स्व. अंबादासपंत वैद्य मतिमंद, अनाथ व दिव्यांग बाल सुधार गृह के संचालक डॉ. शंकरबाबा पापलकर ने पीएम मोदी के नाम लिखे गए पत्र में कहा कि, विगत बुधवार को प्रस्तूत किए गए केंद्रीय बजट में सर्वसामान्य नागरिकों के लिए तमाम तरह की राहत व सुविधाएं घोषित की गई. लेकिन देश भर के दिव्यांगों हेतु बेहद अत्यल्प आर्थिक प्रावधान किए गए. जिसे बढाए जाने की सख्त जरुरत है. इसके अलावा देश में रहने वाले 7 करोड दिव्यांगों में से 1 करोड अनाथ दिव्यांगों के लिए विशेष पैकेज बनाए जाने की भी जरुरत है. ताकि ऐसे दिव्यांगों का सही तरीके से पुनर्वसन हो सके. अपने इस पत्र में शंकरबाबा पापलकर ने यह भी बताया कि, बालगृह में रहने वाले अनाथ दिव्यांगों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद बालगृह छोडना पडता है, ऐसे में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद समूचे देश में बालगृह से निकलने वाले दिव्यांग कहां जाते है, इसका पता ही नहीं चलता. अत: उनका पुनर्वास करने हेतु सरकार द्बारा कानून बनाया जाए. इसके लिए वे खुद विगत लंबे समय से संघर्ष कर रहे है और समूचे राज्य में वझ्झर मॉडल को लागू करने की मांग कर रहे है. इस पर भी सरकार ने ध्यान देना चाहिए.

देश में 18 वर्ष से अधिक आयु वाले दिव्यांगों का पुनर्वसन करने हेतु कानून बनाने की मांग विगत लंबे समय से चल रही है और हमने इसके लिए खुद अपनी ओर से सरकार के सामने वझ्झर मॉडल को रखा है. देश में करीब 7 करोड दिव्यांग है. जिसमें से लगभग 1 करोड दिव्यांग अनाथ है. इन सभी के लिए केवल 500 करोड रुपयों का प्रावधान बेहद कम है. अत: हमने इस प्रावधान को बढाकर 5 हजार करोड रुपए करने तथा 1 करोड अनाथ दिव्यांगों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का निवेदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है.
– डॉ. शंकरबाबा पापलकर,
समाजसेवक.

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