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15 को मराठा आरक्षण पर विशेष अधिवेशन

मुंबई /दि.8- कई आंदोलन, मोर्चे, कुपोषण, कोर्ट कचेरी व शासन निर्णय के बावजूद मराठा आरक्षण के मसले पर अब तक कोई समाधानकारक हल नहीं निकला है. वहीं अब मराठा आरक्षण के मामले में एक बडी हलचल घटित होती दिखाई दे रही है. क्योंकि राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण पर निर्णय लेने हेतु 15 फरवरी को राज्य विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया है.
बता दें कि, मराठा समाज को दिये गये आरक्षण के निर्णय पर पुनर्विचार करने हेतु दायर की गई क्यूरेटीव याचिका पर इस समय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वहीं मराठा समाज को सीधे तौर पर कुणबी प्रमाणपत्र देते हुए ओबीसी के कोटे से आरक्षण दिये जाने की मांग मराठा आंदोलन मनोज जरांगे पाटिल द्वारा की जा रही है. जिसके लिए उन्होंने अंतरवाली सराटी से मुंबई तक मोर्चा भी निकाला था. जिसके बाद कुणबी संबंधी अभिलेख रहने वाले मराठा व्यक्ति के सगे संबंधियों को भी पितृसत्ताक परिवार पद्धति के अनुसार कुणबी प्रमाणपत्र देने की तैयारी राज्य सरकार ने दर्शायी थी और इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी की थी. परंतु राज्य सरकार द्वारा इसे लेकर अब तक अध्यादेश जारी नहीं किया गया है. जिसके चलते मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर अनशन करने की चेतावनी दी है. इन सभी बातों के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा आगामी 15 फरवरी को राज्य विधान मंडल का एक दिवसीय अधिवेशन बुलाया गया है. जिसमें मराठा आरक्षण को लेकर कोई बडा निर्णय होने की पूरी संभावना है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी को बुलाए गए विशेष अधिवेशन में पिछडा वर्गीय आयोग की रिपोर्ट को रखते हुए उसे स्वीकार किये जाने की संभावना है. साथ ही इस एक दिवसीय अधिवेशन में मराठा आरक्षण को लेकर विधेयक भी रखा जा सकता है.

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