अमरावती

मनपा में प्रधानमंत्री आवास योजना की रफ्तार घटी

मंत्रालय से मंजूरी के बाद भी घुमाई जा रही फाईल

अमरावती/दि.24 – सबके लिए घर इस संकल्पना के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु की उसका स्थानीय महानगर पालिका क्षेत्र में बंटाधार होता दिखाई दे रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना की रफ्तार घटी है. जिससे लाभार्थी पेरशान हो गए है. विशेष यह की प्रधानमंत्री आवास योजना को मंत्रालय से मंजूरी के बावजूद यह फाईल मनपा के अलग अलग विभागों में घुमाई जाती है. सवाल यह उठता है कि मंत्रालय की ओर से लाभार्थियों की सूची मंजूर करने के बाद व उतनी निधि मनपा को आवंटित करने के बाद भी संबंधित लाभार्थियों की फाईल इस विभाग से उस विभाग में क्यों घुमाई जा रही है. जिसके पास स्वयं का घर नहीं हैे ऐसे लोगों के आशियाने का सपना पूर्ण हो इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु की गई है. मनपा क्षेत्र में भी यह योजना कार्यान्वित है. परंतु मनपा प्रशासन की जटील कार्रवाई के कारण लाभार्थियों को इस योजना के लाभ का इंतजार करना पड रहा है. मनपा प्रशासन की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदकों का डिपीआर मंत्रालय में भेजा जाता है. मंत्रालचय की ओर से लाभार्थियों की सूची समेत डीपीआर को मंजूरी प्रदान करने के बाद निधि भी मनपा को आवंटीत की जाती है. मंत्रालय से मंजूरी के बाद लाभार्थियों की मंजूर फाईल ऑडिट, अकांउट उपायुक्त के पास भेजी जाती है. इस प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है. मंत्रालय के व्दारा जब लाभार्थियों की सूची समेत डीपीआर को मंजूरी दी जा रही है. ऐसे में यह फाईल घुमाने का औचित्य क्या यह समझ बाहर है.

तीन किश्तों में निधि

प्रधानमंत्री आवास योजना के संदर्भ में कहें तो लाभार्थियों को इस योजना के तहत करीब ढाई लाख रुपए की निधि दी जाती है. जिसमें पहली किस्त 1 लाख रुपए, दूसरी किस्त 30 दिनों के बाद 1 लाख रुपए व तीसरी किस्त 60 दिनों के बाद 50 हजार रुपए दी जाती है. इस प्रकार लाभार्थियों को घर निर्माण में 4 माह का समय बीत जाता है. प्रत्यक्ष में गति से कार्य करें तो 400-500 वर्ग फीट का निर्माण कार्य डेढ से दो माह में पूर्ण हो सकता है. किस्त निहाय निधि में जो अवधि लग रही है, उस पर भी सवाल उठ रहे है.

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