पर्यावरण संवर्धन के साथ ही पर्यटन को गति- पालकमंत्री एड. ठाकूर
मोथा-बासलापुर वन के तालाब का पालकमंत्री के हाथों जल पूजन
अमरावती/दि.16- चांदूररेल्वे तहसील के मोथा बासलापुर के वनक्षेत्र में निर्माणाधीन तालाब के कारण पर्यावरण संवर्धन के साथ ही पर्यटन को भी गति मिलेगी, ऐसा प्रतिपादन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने किया.
वन विभाग की ओर से बासलापुर के जंगल में निर्माण किये गए तालाब का जलपूजन पालकमंत्री एड.ठाकूर के हाथों किया गया. इस समय वे बोल रही थी. इस अवसर पर पूर्व विधायक विरेन्द्र जगताप, पूर्व जि.प. अध्यक्ष नितीन गोंडाणे, उपवनसंरक्षक चंद्रखशेखरन बाला, तत्कालीन सहायक वन संरक्षण अशोक कविटकर, वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.
मोथा बासलापुर के हरेभरे जंगल में इस सुंदर तालाब की निर्मिति की गई है. कार्यक्रम की शुरुआत में टाल-मृदंग के निनाद में वन प्रवेशव्दार से जलपूजन स्थल तक वनफेरी निकाली गई. जलपूजन पश्चात पालकमंत्री व अन्य सभी मान्यवरों ने तालाब से कुछ दूरी पर वनविभाग व्दारा बनाए गए मनोरे पर जाकर वन व परिसर का अवलोकन किया व विविध बातों की जानकारी वन विभाग अधिकारियों से ली.
इस तालाब के कारण जंगल में ही बड़ी मात्रा में पानी संचयन होने से वन्य प्राणियों के लिए पानी की सुविधा होकर उनका जंगल के बाहर विचरण रुकेगा. वन के समीप का खेती क्षेत्र भी भूजलस्तर सुधारने में इस तालाब के कारण मदद मिलेगी. वन का पर्यावरण सुधारने के साथ ही पर्यटकों के लिए यह स्थल आकर्षण का केंद्र साबित होगा. जल व वन व्यवस्थापन का यह काम सभी के लिए आर्दश साबित होने वाला है. ऐसा पालकमंत्री यशोमती ठाकूर ने इस समय कहा.
तालाब की दीवार की लंबाई 320 मीटर है. तालाब में बड़े पैमाने पर जल संचयन होकर उसकी गहराई 20 फूट है. करीबन 8 करोड़ लीटर पानी का संचयन यहां पर हुआ है. वन तालाब के लिए जिला नियोजन से 18 लाख रुपए निधी दी गई. तालाब का अंदाजपत्रक व तालाब का निर्माण कार्य कविटकर के मार्गदर्शन में वनक्षेत्रपाल आशिष कोकाटे, वनरक्षक संतोष आखरे, वनसेवक अजय चौधरी व्दारा किया गया. इस समय वन तालाब के लिए योगदान देने वाले सभी को पालकमंत्री के हाथों गौरवान्वित किया गया.