वाहनों की रफ्तार पर ‘समृद्धि’ पर लगेगा ब्रेक, लगेगे कैमरे
समय से पूर्व वाहन पहुंचने पर वसूला जाएगा जुर्माना
* ‘आईटीएमएस’ प्रणाली से दूरी तय करने का होगा समय दर्ज
अमरावती/दि. 23– दो वर्ष पूर्व नागपुर से छत्रपति संभाजी नगर यह समृद्धि महामार्ग यात्रियों के लिए खुला किया गया. अब मुंबई तक यानी 701 किलोमीटर का पूर्ण महामार्ग जल्द खुला होनेवाला है. शुरुआत से ही तेज रफ्तार के कारण इस महामार्ग पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है. इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण पाने के लिए अब महामार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जानेवाले है. ‘आईटीएमएस’ प्रणाली के जरिए कैमरे के साथ ही दूरी तय करनेवाले वाहनों का समय भी दर्ज होनेवाला है. इस प्रणाली की सहायता से अंधाधूंध चलानेवाले वाहन चालको से जुर्माना वसूल किया जाएगा.
समृद्धि महामार्ग पर पूरे 701 किलोमीटर तक ‘आईटीएमएस’ प्रणाली अंतर्गत इलेक्ट्रीक व ओएफसी केबल बिछाए जानेवाला है. हर 50 किलोमीटर पर दोनों तरफ से गैंट्री खडी की जानेवाली है. ऐसे कुल 14 से 15 गैंट्री समृद्धि पर खडी होनेवाली है. प्रत्येक गैंट्री पर थ्री-लेन के लिए तीन स्वतंत्र कैमरे लगनेवाले है. प्रत्येक लेन से जानेवाले वाहनों की रफ्तार कैमरे में कैद होनेवाली है. इसी गैंट्री पर डिजीटल डिस्प्ले भी रहनेवाला है. इस कारण वाहन चालक को वाहन की रफ्तार कितनी है, यह भी दिखाई देगी. कैमरे में दर्ज रफ्तार 150 किलोमीटर दूरी तक खडे किए जानेवाले रिजनल सेंटर पर दिखनेवाली है. इस रिजनल सेंटर में बडे आकार की स्क्रिन लगनेवाली है. इस स्क्रिन के जरिए वाहन की गति के साथ ही सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों को 150 किलोमीटर लंबे मार्ग तक बैठी जगह से पेट्रोलिंग करना भी संभव होनेवाला है. कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ अथवा बंद पडा तो तत्काल जानकारी मिलनेवाली है. फिलहाल फोन के जरिए यह जानकारी देनी पडती है. इस कारण बचावकार्य को देरी होती है. लेकिन इस प्रणाली के बाद तत्काल सहायता मिलेगी. समृद्धि पर कार के लिए प्रति घंटा 120 की मर्यादा है और मालवाहक जड वाहनों के लिए प्रति घंटा 80 की मर्यादा है. इसके लिए स्वतंत्र लेन भी निश्चित की गई है. यह प्रणाली कार्यान्वित होने के बाद वाहन चालकों को इस रफ्तार पर अमल करना पडेगा. क्योंकि रफ्तार बढाने पर दंडात्मक कार्रवाई अटल है.
* टेंडर प्रक्रिया पूर्ण
‘आईटीएमएस’ प्रणाली के जरिए समृद्धि पर जल्द काम की शुरुआत होनेवाली है. क्योंकि इस काम की निविदा प्रक्रिया पूर्ण होकर वर्क ऑर्डर हो गई है. काम करनेवाली कंपनी ने सर्वेक्षण किया है. उन्हें 701 किलोमीटर इलेक्ट्रीक व इंटरनेट के लिए दो केबल बिछाने है. गैंट्री खडे करना है. इस काम के लिए एक साल लगनेवाला है. लेकिन उन्होंने चरणबद्ध काम किया तो उससे कम कालावधि में एक चरण ‘आईटीएमएस’ प्रणाली अंतर्गत आएगा. ‘आईटीएमएस’ प्रणाली शुरु होने पर समृद्धि की रफ्तार पर ब्रेक लगेगा और दुर्घटना कम होने में सहायता मिलेगी, ऐसी जानकारी एमएसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दी.
* ऐसे पकडे जाएगे तेज रफ्तार वाहन
ओवर स्पीड रोकने के लिए कैमरे से नजर रखी जाएगी. साथ ही इस प्रणाली में ऐसा एक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे कोई वाहन एक टोल से दूसरे टोल तक कितने समय में पहुंचा यह भी रिजनल सेंटर पर पता चलेगा. इस कारण सॉफ्टवेयर के मुताबिक हाई स्पिड के वाहन कार्रवाई से नहीं बच सकेंगे.