अमरावती

खाने लायक नहीं होता है गोलेवाला बर्फ

अमरावतीवासी हैं बात से अनभिज्ञ

  • बर्फ बिक्री को जांचने की सख्त जरूरत

  • स्वास्थ्य के लिए हो सकता है खतरा

अमरावती/दि.1 – गर्मी का मौसम शुरू होते ही बर्फ का प्रयोग बढ जाता है और कई शीतपेयों में बर्फ का उपयोग अनिवार्य तौर पर होता है. किंतु बर्फ गोले सहित विभिन्न शीतपेयों में प्रयुक्त होनेवाला यह बर्फ खाने अथवा पीने लायक होता है अथवा नहीं इस बात से अमरावतीवासी पूरी तरह अनभिज्ञ है और जैसे-जैसे गर्मी का मौसम बढ रहा है, वैसे-वैसे गर्मी की दाहकता से खुद को निजात दिलाने हेतु गोले व शीतपेयों के जरिये बर्फ का खाने अथवा पीने में प्रयोग कर रहे है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, अन्न व औषधी प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन द्वारा बाजार में खुलेआम खाने व पीने के लिए बेची जा रही बर्फ की कडाई से जांच की जाये.
बता दें कि, गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में जगह-जगह पर बर्फ गोले की गाडियों के साथ-साथ गन्ने के रस, नींबू शरबत व पाईनापल ज्यूस की गाडियां और लस्सी की दुकाने लगने लगी है. जिनके द्वारा बर्फ गोला, लस्सी तथा शरबत व ज्यूस बनाने के लिए बर्फ का जमकर प्रयोग होता है. इसके साथ ही इन दिनों बडे पैमाने पर विवाह समारोहों का भी आयोजन होने लगा है. जहां पर विभिन्न कामों के लिए बर्फ का उपयोग किया जाता है. लेकिन हैरत और कमाल की बात यह है कि, शहर में खाने के तौर पर प्रयुक्त होनेवाली बर्फ तैयार करनेवाला एक भी कारखाना नहीं है. बल्कि बर्फ कारखानों के जरिये बनाई जानेवाली बर्फ को औद्योगिक व व्यवसायिक कामों के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन बावजूद इसके इस बर्फ का खाने-पीने के लिए खुले आम प्रयोग होता है. जबकि यह बर्फ किसी भी लिहाज से सेवन करने योग्य नहीं होती. उल्लेखनीय यह भी है कि, शहर के किसी भी बर्फ कारखाने में बर्फ की निर्मिती, स्टॉक व बिक्री को लेकर कोई जानकारी दर्ज नहीं होती. साथ ही किसी भी बर्फ कारखाने द्वारा अपने ग्राहकों को यह भी नहीं बताया जाता कि, यह बर्फ खाने योग्य नहीं है. इसके चलते ग्राहकों द्वारा आंखें बंद करते हुए इस बर्फ को खरीदा जाता है और इसे खाने व पीने के लिए प्रयोग में भी लाया जाता है. जबकि ऐसा करने से नागरिकों के स्वास्थ्य हेतु खतरा पैदा हो सकता है.

ऐसे तैयार होती है बर्फ

शहर के सभी बर्फ कारखानों में औद्योगिक व व्यावसायिक इस्तेमाल हेतु तैयार होनेवाली बर्फ को बनाते समय किसी भी तरह के खाद्य मानकों का कोई पालन नहीं किया जाता और जिस पानी से बर्फ तैयार की जाती है, वह पानी भी पीने योग्य नहीं कहा जा सकता, लेकिन उसी पानी से तैयार होनेवाली बर्फ को खाने व पीने के काम में प्रयुक्त किया जाता है. बर्फ कारखानों द्वारा से बने जिन साचों में बर्फ तैयार की जाती है, लगातार पानी के संपर्क में रहने की वजह से उन साचों में भी जंग लगी होती है और इन जंग लगे साचों में बनी बर्फ का सेवन करना काफी हद तक खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में खाने-पीने की वस्तुओं में इस बर्फ का प्रयोग करना टाला जाना चाहिए.

अशुध्द पानीवाली बर्फ से हो सकती है बीमारियां

शहर में कई स्थानों पर बर्फ बनानेवाले कारखाने है. किंतु इन कारखानों में तैयार होनेवाली बर्फ सेवन करने योग्य नहीं होती. चूंकि कई स्थानों पर पीने हेतु अयोग्य व अशुध्द पानी से बर्फ तैयार की जाती है. अत: ऐसे अशुध्द पानी से तैयार होनेवाली बर्फ के सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती है. अत: ऐसी बर्फ से बननेवाले बर्फ गोले सहित लस्सी, ज्यूस व शरबत का सेवन करना टाला जाना चाहिए.

खुले में बिकनेवाली बर्फ को खाना टालें

गर्मी के मौसम दौरान कई बिक्रेताओें द्वारा बर्फ बिक्री की जाती है. कई बार इन बिक्रेताओं द्वारा बर्फ को बिक्री हेतु लकडी का भूसा मारकर व गिले बारदाने से ढककर खुले में रखा जाता है. जहां से लोगबाग इस बर्फ को खरीदकर खाने व पीने के कार्य हेतु प्रयोग में लाते है. जबकि ऐसा करना सेहत के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकता है. अत: खुले में बिकनेवाली बर्फ और ऐसी बर्फ से बने पदार्थों को खरीदना या उनका सेवन करना टाला जाना चाहिए.

जांच होना बेहद आवश्यक

इस समय शहर सहित जिले में तापमान काफी अधिक बढ गया है. ऐसे में शहर में जगह-जगह पर बर्फ गोले व शीतपेयों की दूकाने लग गयी है. किंतु इन स्थानों पर प्रयोग में लायी जानेवाली बर्फ सेवन करने योग्य है अथवा नहीं, इसकी ओर अन्न व औषधी विभाग सहित स्थानीय प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है. साथ ही इन स्थानों पर बिकनेवाली बर्फ की जांच-पडताल भी की जानी चाहिए.

लाईसेन्स नहीं होगा, तो कार्रवाई होगी

किसी भी तरह के खाद्य अथवा पेय की बिक्री करने के लिए अन्न व औषधी प्रशासन की अनुमति रहना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए जारी किये जानेवाले लाईसेन्स के बिना ऐसी बिक्री नहीं की जा सकती. गर्मी के मौसम दौरान जगह-जगह पर विभिन्न तरह के शीतपेयों की दुकानें लग जाती है. यदि उनके द्वारा अन्न व औषधी प्रशासन से लाईसेन्स नहीं लिया जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही हमारा महकमा खाद्य व पेय पदार्थों में होनेवाली मिलावट की ओर भी ध्यान रखे हुए है.
– शरद कोलते
सहायक आयुक्त, अन्न व औषधी प्रशासन

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