डीपीएस अमरावती में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के साथ आध्यात्मिक अनुभूति
अमरावती / दि. 23- बहुत ही सुन्दर विचार है कि, योग मन को शांति में स्थिर करना है. जब मन स्थिर हो जाता है, हम अपनी आवश्यक प्रकृति में स्थापित हो जाते हैं, जोकि असीम चेतना है. हमारी आवश्यक प्रकृति आम तौर पर मस्तिष्क की गतिविधियों द्वारा ढक दी जाती है. इसी परिप्रेक्ष्य में भारत देश कि महान सांस्कृतिक धरोहर योग शास्त्र ने सम्पूर्ण विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. 21 जून को यूनाइटेड नेशन से जुड़े लगभग सभी सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को आयोजित करते है. हर वर्ष क्षेत्र की अग्रणी शिक्षण संस्था दिल्ली पब्लिक स्कूल अमरावती में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य एवं अद्भुत प्रकार से मनाया जाता है. प्रातःकाल में ही डीपीएस के विशाल मुक्ताकाश में बच्चों एवं समस्त स्टाफ ने वंदना पाठ के उपरांत विभिन्न प्रकार के आसनों द्वारा पूरी तन्मयता एवं ऊर्जा के साथ अपनी शारीरिक , मानसिक एवं आध्यात्मिक स्फूर्ति का अनुभव किया.
बच्चो ने अलग-2 समूहों में आकर प्रस्तुतियां दी. इस अवसर पर अनेक छात्र – छात्राओं ने अपने गुरुजनो के सानिध्य में अलग अलग आसन प्रदर्शित किये. जिसमें उन्होंने अपने शरीर के लचीलेपन, मजबूती एवं नियंत्रण को दर्शाकर मुग्ध कर दिया. इस मौके पर योगाभ्यास पश्चिमोत्तासन, उर्ध्वहस्तासन, अर्धचक्रासन,अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन, पवनमुक्तासन, पर्वतासन, भुजंगासन, ब्रजासन जैसे अनेकों योगासन के अभ्यास किए जिसमें सभी विद्यार्थियों तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी भाग लिया. उन्होंने बताया कि किस तरह से योग हमारे जीवन को निरोगी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. योग केवल शरीर के लिए ही उपयोगी नहीं है अपितु इससे मानसिक, आध्यात्मिक एवं आत्मिक शांति का अनुभव होता है जो कि आज की भागदौड़ भरी दिनचर्या के लिए किसी वरदान से काम नहीं है. कुछ विशेष करना डीपीएस अमरावती का प्रारम्भ से ही ध्येय रहा है और इसी को चरितार्थ करते हुए कुछ बच्चों ने योग के साथ ही जिम्नास्टिक के विभिन्न प्रकार दिखाते हुए हतप्रभ कर दिया.यही कारण है कि डीपीएस के यह बच्चे अपनी मेहनत से अनेकों प्रतियोगिताएं में सम्मिलित होकर माता- पिता, स्कूल एवं शहर का नाम रोशन कर रहे है. स्कूल का संकल्प है कि, इसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने हेतु हर प्रकार कि मेहनत करेंगे.