क्रीडा मैदान का इस्तेमाल खेल के लिए होना चाहिए
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने लीज के नवीनीकरण के लिए स्वतंत्र नीति तैयार करने के निर्देश दिये
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अमरावती /दि.24– मुंबई के खेल मैदानों को बचाने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने पहल की है. शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार से एमसीए अध्यक्ष अजिंक्य नाईक के नेतृत्व में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राजस्व, खेल, ट्येक निर्माण विभाग और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को मुंबई के खेल मैदानों ओवेस्ट मैदान, आजाद मैदान और क्रॉस मैदान के भूखंडों की लीज के नवीनीकरण के लिए एक स्वतंत्र व्यार्षक नीति तैयार करने का निर्देश दिया है. अजित ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि खेल के मैदानों का उपयोग किसी भी परिस्थिति में केवल खेल के लिए ही किया जाना चाहिए.
* शौचालय और चेंजिंग रूम बनाने के निर्देश एमसीए के
पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री पवार के समक्ष मांग रखी कि मुंबई के मैदानों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में खिलाड़ी क्रिकेट समेत अन्य खेलों का अभ्यास करते हैं. इसके अलावा विभिन्न क्लबों के माध्यम से भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. ऐसे में इन मैदानों पर शौचालय समेत कई सुविधाओं का अभाव है. अजित ने बैठक में शामिल सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एक समय सीमा के अंदर इन मैदानों के लीज के नवीनीकरण का काम हो जाना चाहिए. एमसीए की मांग पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इन सभी मैदानों में खिलाड़ियों के लिए शौचालय और चेंजिंग रूप्म बनाने के निर्देश दिए. अजित ने कहा कि मैदानों पर शौचालय और चेंजिंग रूम बनाते समय इन्हें मैदान के एक कोने में बनाना जाए जिससे मैदान की सुंदरता खराब न हो.
* आजाद मैदान पर होते रहे हैं राजनीतिक कार्यक्रम
आजाद मैदान भी क्रिकेट का गढ़ रहा है. लेकिन इस मैदान पर हर रोज कोई न कोई राजनीतिक या दूसरे आयोजन होते रहते हैं. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को मैदान खेलने के लिए नहीं मिल पाता. मुंबई स्कूल स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव एवं एमसीए सदस्य नदीम मेमन ने कुछ दिनों पहले आजाद मैदान पर हुए कार्यक्रम पर सवाल उठाए थे. मेमन ने कहा था कि इस दौरान स्कूल क्रिकेट के सबसे बड़ी टूनमिट गाईल्स शील्ड के कई मैचों को इस कार्यक्रम के लिए स्थगित किया गया था. मेमन का कहना है कि खेल के मैदानों का उपयोग सिर्फ खेल के लिए ही होना चाहिए. सरकार को इस संबंध में कड़ा फैसला लेने की जरुरत है.