अमरावती- /दि.4 खरीफ की फसल पर अब कीड़े व रोग का प्रादुर्भाव होने से किसान किटकनाशकों की फवारणी कर रहे हैं. लेकिन फवारणी के समय लापरवाही बरतने पर विषबाधा हो सकती है. इस वर्ष एक खेत मजदूर को विषबाधा होने से उसकी मृत्यु तक हो गई. इसलिए फवारणी से पूर्व डिब्बे पर दी गई सूचना को पढ़ना अत्यंत आवश्यक है. इसमें लाल रंग का निशान रहने वाला कीटकनाशक डिब्बा सर्वाधिक विषैला होता है.
कीटकनाशक को सुंघना या बास लेना टाले. बारिश होने से पूर्व या होने के बाद वहीं तेज धूप में फवारणी न करें. हवा की विरुद्ध दिशा में फवारणी करनी चाहिए. फवारणी का काम होने के बाद हाथों को साबून से साफ धोकर ही भोजन करना चाहिए. फवारणी करते समय संरक्षक कपड़े, गॉगल, मोजे, मुंह पर मास्क, सिर पर कपड़ा, गमबूट आदि का इस्तेमाल करना चाहिए. फवारणी यंत्र में दवा भरते समय वह गिरे नहीं इसके लिए छलनी का इस्तेमाल करें.
लाल रंग के निशान का कीटकनाशक अति तीव्र विषैला होता है. हरे रंग के निशान वाला कम विषैला, निले रंग का मध्यम विषैला, लाल रंग के निशान वाला तीव्र विषैला होता है. इन निशानों को इस्तेमाल करने से पूर्व पड़ताल करनी चाहिए.
कीटकनाशक की फवारणी करते समय विषबाधा हो सकती है. जिसके चलते कीटकनाशक का इस्तेमाल करते समय सदैव जागरुक रहना चाहिए व खेत मजदूरों को इस ओर ध्यान देना आवश्यक है.
– अनिल खर्चान, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी