श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को अब ‘स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी’ का दर्जा मिले
राज्यसभा सांसद डॉ अनिल बोंडे का कथन
प्रभाकरराव वैद्य एक झंझावत’ जीवन ग्रंथ के विमोचन अवसर पर व्यक्त किये विचार
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर परिमल द्वारा लिखित पुस्तक का हुआ विमोचन
अमरावती- /दि.16 श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य यूं तो किसी परिचय के मोहताज नहीं है तथा उनके कार्यों व व्यक्तित्व से हर कोई परिचित है. पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य एक तरह से अमरावती जिले के पालकत्व का अधिकार अपने पास रखते है, ऐसा कहना अतिशयोक्ति भी नहीं होगा और देश को आजादी मिलने से लेकर आज आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य मनाये जा रहे अमृत महोत्सव तक के हर एक पल का प्रभाकरराव वैद्य खुद जीवंत साक्षी रहे है और उन्हें क्रीडा एवं शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र का चलता-फिरता विश्वविद्यालय कहा जा सकता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, उनके द्वारा संचालित किये जानेवाले तथा देश के विकास और खेल के क्षेत्र में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को अब खेल क्षेत्र में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाये. हम सभी के द्वारा इसके लिए प्रयास किये जाने की जरूरत है, इस आशय का प्रतिपादन राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्वारा किया गया.
बता दें कि, अमरावती शहर के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मनोहर परिमल ने श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के जीवन कार्यों पर प्रकाश डालते हुए ‘प्रभाकरराव वैद्य – एक झंझावत’ नामक एक पुस्तक का निर्माण किया है, जिसका विगत शनिवार 13 अगस्त को स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर समारोहपूर्वक विमोचन किया गया. श्री हव्याप्रमं परिसर स्थित स्व. सोमेश्वर पुसतकर सभागृह में शनिवार 13 शाम 5 बजे संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिलीप मालखेड़े की अध्यक्षता में आयोजीत इस समारोह में राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे के हाथों इस जीवनग्रंथ का समारोहपूर्वक विमोचन हुआ. इस अवसर पर बतौर प्रमुख अतिथी पूर्व लेडी गर्वनर डॉ. कमलताई गवई, दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभूमि के संपादक अनिल अग्रवाल, दैनिक हिंदुस्तान के प्रबंध संपादक विलास मराठे, पुस्तक के लेखक व वरिष्ठ पत्रकार मनोहर परिमल उपस्थित थे.
इस उद्घाटन समारोह का शुभारंभ गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. जिसके उपरांत सभी गणमान्य अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत हुआ. पश्चात सभी उपस्थित गणमान्यों के हाथों ‘प्रभाकरराव वैद्य – एक झंझावत’ पुस्तक का विमोचन किया गया. इसके साथ ही मंच पर मौजूद सभी गणमान्यों ने पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए इस पुस्तक की समीक्षा की.
इस अवसर पर ‘प्रभाकरराव वैद्य – एक झंझावत’ किताब को प्रकाशित करनेवाले नभ प्रकाशन की संचालिका अनुजा मिलिंद डहाके द्वारा किताब के लेखक मनोहर परिमल को एक शाल, श्रीफल और एक स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. साथ ही इस समय मंच पर मौजूद पूर्व लेडी गर्वनर डॉ. कमलताई गवई ने समारोह को अपना शुभ आशीर्वाद दिया. जिसके लिए किताब के लेखक मनोहर परिमल ने पुस्तक निर्माण की अवधारणा विषद करने के साथ ही समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार ज्ञापित किया. इस आयोजन में अतिथी व ग्ंरंथ परिचय, संचालन एवं आभार डॉ. किशोर फुले ने बडे ही अनूठे अंदाज में किया. इस कार्यक्रम में हव्याप्र मंडल की सचिव प्रा. डॉ. माधुरी चेंडके, उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चेंडके, दिपा कान्हेगावकर, पूर्व महापौर विलास इंगोले, डॉ. गोविंद कासट के साथ ही शहर के ज्येष्ठ-श्रेष्ठ गणमान्य एवं हव्याप्र मंडल के सभी पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम का समारोप राष्ट्रगीत द्वारा हुआ.
हव्याप्र मंडल का सहयोग महत्वपूर्ण
इस आयोजन की अध्यक्षता करते हुए संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने कहा कि, शैक्षिक क्षेत्र को और अद्यतन करना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है. उस दृष्टि से संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय अथक प्रयास कर रहा है. लेकिन छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखना विश्वविद्यालय का मुख्य लक्ष्य है. उसके लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल का सहयोग अमरावती विश्वविद्यालय के लिए अच्छी बात साबित हो रही है. मुख्य रूप से आज के युवाओं में देशभक्ति का भाव जगाना आवश्यक है. इस संबंध में श्री हव्याप्र मंडल एक अनुकरणीय कार्य कर रहा है और देश और समाज के प्रति समर्पित व्यक्ति पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के जीवन कार्यों पर बनी पुस्तक सदैव प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.
कर्तृत्व की कर्मगीता का संदेश देते हैं ताऊ
इस अवसर पर दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभुमि के संपादक अनिल अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, यद्यपि पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य अमरावती शहर के पालक, संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं, लेकिन हमारे प्रिय ‘ताऊ’ उपाख्य पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य हम सब के लिए अखंड राष्ट्रभक्ति का प्रेरणास्रोत है. हर आदमी जीवनभर अपनी संपत्ति को संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, किंतु पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य ने अपना पूरा जीवन देश और समाज को समर्पित कर खुद को अमरावती की अनमोल संपत्ति बना दिया है. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मनोहर परिमल द्वारा लिखित पुस्तक ’प्रभाकराव वैद्य – एक झंझावत’ एक ‘कर्मगीता’ के रूप में सभी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी. मेरा यह भी मानना है कि, पद्मश्री वैद्य साहब के व्यक्तित्व, विचार, कार्य और अनुभव पर एक व्यापक पुस्तक होनी चाहिए.
अखंड प्रेरणास्त्रोत हैं प्रभाकरराव
दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, हव्याप्र मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकराव वैद्य के जीवन कार्यों को प्रेरित करनेवाली पुस्तक की रचना होना अपने आप में बेहद ऐतिहासिक पल है और जिस तरह से आज तक हव्याप्र मंडल व पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य हम सभी को अखंड प्रेरणा देते रहे है. उसी तरह अब इस किताब के जरिये आनेवाली पीढिया प्रेरणा प्राप्त करेगी. लेखक मनोहर परिमल द्वारा लिखी गई पुस्तक के माध्यम से देशभक्ति और समाजसेवा का आजीवन संकल्प लेने वाले पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के जीवन की घटनाओं के माध्यम से सकारात्मक जीने का एहसास होता है.
हिमालय पर चरमोत्कर्ष
अतिथी परिचय व ग्रंंथ परिचय प्रस्तुत करते हुए प्रा. डॉ. सुभाष गवई ने कहा कि, श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल एवं प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य शहर, समाज एवं जनता के शाश्वत रत्न हैं. यदि मनुष्य जीवन में महान ऊंचाइयों तक पहुंचना चाहता है, तो उसे हिमालय की बराबरी करना पड़ेगा. इससे पूर्व शहर में समाजसेवा के निःस्वार्थ प्रेरणास्रोत रहे डॉ. गोविंद कासट ने पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य पर एक पुस्तक बनाई. अब वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मानेहर परिमल ने प्रभाकरराव वैद्य एक झंझावत पुस्तक के माध्यम से हिमालय पर चरमोत्कर्ष प्रस्तुत करने का कार्य किया है. 200 पन्नों की इस पुस्तक में 32 खंड हैं और इसकी प्रस्तावना अमरावती के भगीरत, श्रेष्ठ वक्ता, पूर्व विधायक बी. टी. देशमुख द्वारा की गई है, जिस से पद्मश्री के व्यक्तित्व का सर्वसमावेशक परिचय देता है.