कांद्रीबाबा मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया श्री हनुमान जन्मोत्सव
भाविकों ने दर्शन कर लिया दालबाटी चूरमा का आस्वाद

धारणी/ दि. 14– तारूबांदा के समीप 100 वर्ष प्राचीन कांद्रीबाबा मंदिर में हर साल श्री हनुमान जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. तारूबांदा के जंगल में इस मंदिर का निर्माण अंग्रेजों के समय में हुआ था. घने जंगल में स्थित कांद्री बाबा को हनुमान का अवतार माना जाता है. इस मंदिर में शनिवार और मंगलवार को ही दर्शन के लिए आने की इजाजत है. शनिवार 12 अप्रैल को श्री हनुमान जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक सौंदर्य से सजे इस धार्मिक स्थल पर सिर्फ शनिवार और मंगलवार को दर्शन के लिए आने की इजाजत है. हनुमान जयंती पर हजारों भाविक यहां आते हैं और दालबाटी चूरमे का प्रसाद बाबा को अर्पित करते हैं. इस साल भी भाविकों ने कांद्रीबाबा के दर्शन कर दालबाटी चूरमे का भोग लगाया. धारणी से 40 किमी की दूरी पर कांद्रीबाबा को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है.
धारणी और चिखलदरा तहसील के आदिवासी तथा मध्यप्रदेश के भाविक भी यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. शनिवार और मंगलवार को ही यहां प्रशासन द्बारा आने की इजाजत दी जाती है. कुंड इस गांव का पुनवर्सन होने के पश्चात यह रास्ता मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प ने स्थायी तौर पर बंद कर दिया हैं. फिर भी यहां हनुमान भक्त पहुंचते हैं और प्रकृति के सहवास में दालबाटी चूरमा का आस्वाद लेत हैं. यहां ‘दालबाटी चूरमा’, कांद्रीबाबा सूरमा, यह मुहावरा प्रचलित हैं.