अमरावती

श्रीधर गवई जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बैठे भूख हडताल पर

मामला मल्टीयूटिलीटी रेस्क्यू वैन घोटाला प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई की मांग का

अमरावती/दि.26– मनपा के मल्टीयूटिलीटी रेस्क्यू वैन घोटाला प्रकरण में जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बावजूद निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर व्दारा उस वक्त के उपायुक्त नरेंद्र वानखडे, अग्निशमन दल के अधीक्षक भरतसिंग चव्हाण और तत्कालीन लेखापाल प्रेमदास राठोड पर कार्रवाई न किए जाने के कारण इस प्रकरण के शिकायतकर्ता श्रीधर गवई गुरुवार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भूख हडताल पर बैठ गए है.
बता दें कि अमरावती मनपा के अग्निशमन विभाग अंतर्गत वर्ष 2018 में 2 करोड 5 लाख रुपए मूल्य की मल्टीयूटिलीटी रेस्क्यू वैन खरीदी की गई थी. मनपा के अधिकारियों ने 17 दिसंबर 2018 को वाहन खरीदी किया और 19 दिसंबर 2018 को नकद रकम संबंधित कंपनी के खाते में जमा कर दी थी. एक ही समय 2 करोड रुपए की रकम नकद स्वरुप में दिए जाने से यह मामला उस समय मनपा में काफी चर्चित हुआ था. तब सामाजिक कार्यकर्ता श्रीधर गवई ने वाहन खरीदी में बडी मात्रा में आर्थिक घोटाला होने बाबत तत्कालीन मनपा आयुक्त के पास शिकायत की थी तथा आमसभा में भी कुछ पार्षदों ने यह मामला उठाया था. तब तत्कालीन मनपा आयुक्त संजय निपाने ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.जी. कुबडे की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया था. एम.जी. कुबडे ने इस प्रकरण में गहन जांच की. जिसमें काफी अनियमितता उजागर हुई. इस जांच रिपोर्ट में मनपा के तत्कालीन उपायुक्त नरेंद्र वानखडे, दमकल विभाग के उस समय प्रमुख रहे भरतसिंग चव्हाण, तत्कालीन लेखापाल प्रेमदास राठोड को दोषी ठहराया. इन अधिकारियों की विभागीय जांच करने का प्रस्ताव भी आमसभा में उस समय पारित किया गया था. सेवानिवृत्त उपसचिव बी.एस. तायडे ने इस घोटाला प्रकरण की गत 2 साल से विभागीय जांच की और मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर को वह रिपोर्ट भेज दी. लेकिन दोनों जांच समिति व्दारा दोषी ठहराए गए तीनो अधिकारियों पर निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर व्दारा कोई कार्रवाई न किए जाने से शिकायतकर्ता श्रीधर गवई ने गुरुवार 26 जनवरी से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भूख हडताल शुरु कर दी है. अब देखना है इस प्रकरण में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है अथवा नहीं

Related Articles

Back to top button