* सोनी परिवार का आयोजन
अमरावती/दि. 19– शहर के प्रतिष्ठित सतीश कुमार किसनलाल चेतनकुमार प्रकाशचंद, पवन, आकाश सोनी परिवार व्दारा सोमवार 25 से 31 दिसंबर दौरान बडनेरा रोड के श्री महेश भवन में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया है. जिसमें सभी निमंत्रितों से अवश्य उपस्थित रहने का अनुरोध सोनी परिवार ने किया है. कथा का विवेचन वरंगल तेलंगाना के भागवताचार्य पवनकुमार जी मालोदिया करेंगे. उनकी अब तक तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र के अनेक नगरों, शहरों में भागवत कथा सहित अन्य अनुष्ठान संपन्न हुए हैं.
* प्रत्येक दिन पधारेंगे मान्यवर
सोनी परिवार ने आयोजन में पहले दिन से ही नगर के गणमान्यों को विशेष अतिथि के रुप में सादर आमंत्रण दिया है. जिसमें पहले दिन सीपी नवीनचंद्र रेड्डी, एड. प्रशांत देशपांडे, माहेश्वरी पंचायत के सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री, सुधीर तुंगार, द्बितीय दिवस विधायक सुलभा खोडके, राकांपा महासचिव संजय खोडके, पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग, अमरावती मंडल के संपादक एवं राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, फसल मंडी मुंबई के पूर्व सचिव अनिल चव्हाण, तीसरे दिन विधायक रवि राणा, पूर्व मंत्री जयप्रकाश मुंधडा, राज्य चुनाव आयोग सचिव सुरेश काकाणी, प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डॉ. कौस्तुभ सारडा, पं. देवदत्त शर्मा, अगले दिन विधायक यशोमति ठाकुर, पुलिस अधिकारी शशिकांत सातव, सिटी न्यूज के डॉ. चंदू सोजतिया, डॉ. अर्चना गिरीश तापडिया, प्रा. वर्षा देशमुख, सुनील पवार, शुक्रवार 29 दिसंबर को सांसद डॉ. अनिल बोंडे, कलेक्टर सौरभ कटियार, बापजी कामठी तेजराज जैन, मुंबई के कमलजी कासलीवाल, डॉ. सिकंदर आडवानी, एड. आर. बी. अटल, बुलढाणा बैंक के संस्थापक अध्यक्ष राधेश्याम चांडक, शनिवार 30 दिसंबर को संभाजीनगर के सीपी मनोज लोहिया, संपादक दिलीप चितलांगे, संपादक विलास मराठे, प्रसिद्ध डॉ. श्रीगोपाल राठी, डॉ. महेश हेडा, किशोर तोष्णीवाल, बालासाहब कुंभार आदि का समावेश है. रविवार 31 दिसंबर को पूर्णाहुति पर दोपहर 1 से 3 बजे दौरान रक्तदान शिविर रखा गया है. सभी आमंत्रितोें से कथा श्रवण का लाभ लेने का अनुरोध पवन सोनी , शैलेश सोनी, डॉ. विभोर सोनी, विनित खत्री, नीलेश लाहोटी, विशाल चांडक और सभी ने किया है. कथा दोपहर 3 से 7 बजे दौरान होगी.
* भागवताचार्य का संक्षिप्त परिचय
भक्त और भगवान के गुणगान को अपनी साधना मानने वाले पंडित पवनकुमार जी मालोदिया का जन्म मंगापेठ में गोदावरी नदी के तट पर हुआ. आपके बाल्यकाल में ही पिताजी का स्वर्गवास होने से नाना-नानी एवं दादीजी व्दारा भक्ति संस्कार हुए. बरसाना के गुरुजी श्री लक्ष्मणदास महाराज से दीक्षा ग्रहण की. श्रीमुख से व्यासपीठ पर विराजमान होकर श्रीमद् देवी भागवत, श्रीमद् भागवतकथा, रामदेव चरित्रामृत कथा, नानीबाई रो मायरो, श्री शिवमहापुराण, श्रीश्याम चरित्रामृत कथा के बहुतेरे आयोजन हुए हैं. नागपुर, इचलकंरजी, औरंगाबाद में कथाएं संपन्न हुई है, ऐसी जानकारी संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य पं. शत्रुघ्न पांडेय ने दी.