मूर्तिकार आजने की चौथी पीढि साकार रही गंगाधर संस्थान की श्रीमूर्ति
निलकंठ, आझाद, अनंत व अन्य मंडलों की मूर्तियां साकारने में व्यस्त है सोनसले
* विविध जगहों पर विविध रुपों में साकार हो रहे विघ्नहर्ता बाप्पा
अमरावती/दि.30 – इस वर्ष के गणेशोत्सव को अब केवल डेढ महिने का समय बाकी रह गया है. जिससे मूर्तिकारों ने बाप्पा के विविध रुपों की अलग-अलग आकर्षक मूर्तियां तैयार करना शुरु किया. शहर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक गजानन आजने ने बताया कि, उनकी 4 पीढियां हर वर्ष नेरपिंगलाई के गुरु गंगाधर स्वामीमठ संस्थान के लिए बाप्पा की आकर्षक मूर्ति साकार करते आयी है. इस वर्ष भी नेरपिंगलाई के इस मठ में आयोजित गणेशोत्सव के लिए आकर्षक मूर्ति तैयार करना शुरु है. उसी प्रकार अलग-अलग 30 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की मूर्तियां तैयार की जा रही है. हर वर्ष औसतन 1 हजार मूर्तियां वे तैयार करते है. जिसमें घरेलू गणेशोत्सव की मूर्तियों का भी समावेश रहता है. इस वर्ष समय कम रहने से कम संख्या में मूर्तियां तैयार हो रही है. वहीं मूर्तिकार गजानन सोनसले द्बारा शहर के प्रसिद्ध आझाद, निलकंठ, अनंत मंडल, सराफा मंडल, साईनाथ मंडल के लिए आकर्षक मूर्तियों का निर्माण शुरु है. हम जो मूर्तियां तैयार करते है. वह आसानी से विसर्जित होती है. लकडी का भूसा, व्हाईटींग व अत्यल्प मात्रा में प्लास्टर का इस्तेमाल कर सिजन में 500 छोटी-बडी मूर्तियां तैयार की जाती है, ऐसा मूर्तिकार गजानन सोनसले ने बताया.
शहर के फे्रजरपुरा बायपास, जवाहर गेट परिसर, बुधवारा परिसर, रवि नगर, एमआईडीसी परिसर, राजापेठ, गाडगे नगर समेत विविध क्षेत्रों में आकर्षक श्रीमूर्तियां तैयार करने का काम शुरु है. 200 से अधिक कारागिर सैकडों श्रीमूर्तियां तैयार करने में व्यस्त है. विगत 2 वर्ष से केवल छोटी-मूर्तियां ही बन रही थी. लेकिन इस वर्ष मूर्ति की उंचाई के निर्बंध हटाये गये है. जिससे अब 2 वर्ष बाद फिर से उंची मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है. प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्तियों को लेकर जो अनिश्चितता थी, वह सरकार ने दूर कर दी है. जिससे सभी कारागिरों में उत्साह है, लेकिन संबंधित अनुमति प्राप्त होने में अधिक समय व्यस्त हो गया, जिससे इस वर्ष मूर्तियां बनाने के लिए कम समय मिला है, ऐसा भी मूर्तिकार बता रहे है. यहीं वजह है कि, इस वर्ष शहर में श्रीमूर्तियों की डिमांड पूरी करने में मूर्तिकार असफल रहने से मूर्तियों के दाम बढना तय माना जा रहा है.