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श्रीकृष्ण पेठ में विराजेंगे सृष्टिविनायक

कल शाम 6 बजे स्थापना, परसो अथर्वशीर्ष का सामूहिक पाठ

* पत्रकार परिषद में कार्यकारिणी द्वारा जानकारी
अमरावती/दि.6 – श्रीकृष्ण पेठ के श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल ने इस बार 65 वां उत्सव मनाये जाने के साथ ही श्री सृष्टिविनायक की बाजे गाजे से स्थापना की जाएगी. उसी प्रकार 10 दिनों तक विविध कार्यक्रम रखे गये है. ऐसी जानकारी आज दोपहर आयोजित प्रेसवार्ता में मंडल के अध्यक्ष सौरभ दीक्षित, उपाध्यक्ष मोहित अग्रवाल, सागर जडिया, सचिव सागर खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष सीए श्रेणिक बोथरा, सहकोषाध्यक्ष नोमित विश्वकर्मा और कार्यकारिणी ने दी.
* डॉ. देशमुख के हस्ते स्थापना
श्रीकृष्ण मंडल में श्रीगणेश स्थापना शनिवार 7 सितंबर की शाम 6 बजे पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख और उनकी पत्नी डॉ. सोनाली देशमुख के शुभहस्ते होगी. रविवार 8 सितंबर से रोज सबेरे 7 बजे श्री अथर्वशीर्ष का पाठ और अभिषेक होगा. संध्या आरती 7.30 बजे नित्य होगी. उत्सव दौरान रविवार को कलरिंग स्पर्धा, अनाज से गणपति बनाना, ट्रेजर हंट, फैन्सी ड्रेस स्पर्धा रखी गई है. 15 सितंबर को दो समूह में फ्लेमलेस कुकींग स्पर्धा का आयोजन किया गया है. सोमवार 16 सितंबर को अंताक्षरी और टैंलेट शो होगा. उल्लेखनीय है कि, शहर के प्रबुद्धजन इस मंडल से जुडे है. उसी प्रकार पूजा समिति में गोपाल बियाणी, विजय डागा, मुकुंद रहाटगांवकर, गोपाल झंवर, सुनील अग्रवाल, उमेश देवघरे शामिल है, जो विधिविधान से पूजन संपन्न करवाते हैं. कार्यकारिणी में सिद्धार्थ बोथरा, हसमुख गंगन, चंद्रजीत पाचघरे, एड. गौरव लुनावत, संतोष बोबडे, रोहन चिमोटे, अनिल राउत, प्रसाद गुल्हाने, आदित्य कोठारी, सिद्धार्थ दीक्षित, साकेत मेहता, मोहित श्रॉफ, लवेश विश्वकर्मा, तनय नांगलिया, अनुराग बोबडे, पार्थ भट्टड, ऋषि धागडे, अभिनव अहीर, आनंद बजाज, मिथिल मुनोत, अंकित गुल्हाने, शिवा भोंगले, रिधवेश दीक्षित, निहार पडोले, यश राठी, सलाहकार समिति में मदन गाजले, आनंद तायवाडे, प्रा. मंगेश गुडधे, अनूप शिरभाते, संतोष अग्रवाल, संजय दीक्षित, राजेश अग्रवाल, मयूर श्रॉफ, संदीप भट्टड, पवन भूतडा, गोपाल बजाज, डॉ. रोहित चोरडिया, ओमप्रकाश बजाज, केतन शाह, राजेश नांगलिया, महिला समिति में मनोरमा बियाणी, डॉ. रिमा झंवर, शिल्पा अग्रवाल, श्वेता गुल्हाने, वृशाली वासनकर, नीतू जडिया, ममता भूतडा का समावेश है.

* श्री सृष्टिविनायक
सृष्टिविनायक यह श्रीगणेश का सगुण रुप है. श्रीकृष्ण पेठ के उद्यान में 60 वर्ष पुराने पेड तूफान में धराशाही हो गया था. उसका क्षतिग्रस्त हिस्सा मनपा का दस्ता ले गया. शेष बचा लगभग 8 फीट का तना वहां रहा. इस तने को देखकर मंडल के वरिष्ठ सदस्यों को प्रेरणा प्राप्त हुई और इससे ही श्रीगणेश का मूर्त रुप देने का भाव आया. मंडल के सदस्यों ने उद्यान में ब्रह्मा विष्णु महेश के रुप में बरगद, पीपल, औदुंबर आदि पेड लगा दिये. इन पेडों के सामने सृष्टिविनायक की स्थापना की गई. सभी सदस्यों ने अत्यंत भावना और श्रद्धापूर्वक श्रीगणेश की प्रार्थना की. वहां गणेशजी के प्रकट होने की भावना मन ही मन की. मानों यह प्रार्थना प्रभु के चरणों में मान्य हो गई. निर्गुण रुप के गणेश को प्रल्हादराव झगेकर ने अत्यंत कुशलता से नयनरम्य सगुण स्वरुप में अवतीर्ण किया. इसी मूर्ति को गणेश चतुर्थी पर विधिवत स्थापना करने का मंडल के सभी सदस्यों ने निर्णय किया. अत्यंत मनोहारी श्रीगणेश का यह स्वरुप भाविक भक्तों को सुखद और मंगलमय अनुभूति देने का विश्वास मंडल ने व्यक्त किया. उनका यह भी विश्वास है कि, अथर्व वेद में अथर्वऋषि ने अथर्वशीर्ष में जो विश्लेषण किया है, उसी का यह स्वरुप गणेशजी है.

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