अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

सृष्टि विनायक की सांसद वानखडे ने आरती की

श्रीकृष्ण मंडल में उत्साह

* गणेशोत्सव में पर्यावरण जतन का संदेश
अमरावती/दि.14 – श्रीकृष्ण पेठ स्थित श्रीकृष्ण गणेश मंडल में शुक्रवार शाम की संध्या आरती जिले के सांसद बलवंत वानखडे और पंकज तथा वृशाली वासनकर के हस्ते की गई. मंडल के पदाधिकारियों ने बलवंत वानखडे का स्वागत सत्कार किया. सांसद महोदय ने मंडल द्वारा बगीचे के अंदर पेड के तने पर ही सृष्टि विनायक की कल्पना को सराहा और कहा कि, इससे पर्यावरण की सुरक्षा का महत्वपूर्ण संदेश देने में श्रीकृष्ण मंडल सफल रहा है. वे गणपति से प्रार्थना करते हैं कि, अमरावती में सुख समृद्धि लाये. सांसद वानखडे ने श्रीकृष्ण मंडल और उसके गणमान्य पदाधिकारियों द्वारा शहरभर में विभिन्न उपक्रमों का भी उल्लेख किया. उन उपक्रमों की भी प्रशंसा की.
इस समय अध्यक्ष सौरभ दीक्षित, उपाध्यक्ष मोहित अग्रवाल, सागर जडिया, सागर खंडेलवाल, अक्षय कोठारी, सीए. श्रेणिक बोथरा, नोमित विश्वकर्मा, कोमल बोथरा, मिलिंद चिमोटे, एड. विजय बोथरा, धीरेंद्र धामोरीकर, सुनील पडोले, गोपाल झंवर, रमेश साबद्रा, सुरेश साबद्रा, नरेश सारडा, बालाजी बोबडे, संजय जैन, रमेश चांडक, विनोद राठी, प्रा. मंगेश गुडधे, प्रा. अनूप शिरभाते, संजय दीक्षित, गोपाल बियाणी, विजय डागा, मोहन जडिया, रवींद्र सारडा, अनिल कोठारी, अजय धामोरीकर, रमेश चांडक, प्रकाश अग्रवाल, रामचंद्र विश्वकर्मा, सोहन कलंत्री, मोना चिमोटे, गीता चिमोटे, अरुणा डागा, मनोरमा बियाणी, लता बोथरा, वृशाली वासनकर, नीतू जडिया, गरीमा बोथरा, नीता पडोले, रोहन चिमोटे, एड. गौरव लुनावट, आदित्य कोठारी, सिद्धार्थ बोथरा, संतोष बोबडे, चंद्रजीत पाचघरे, सिद्धार्थ दीक्षित, अनिल राउत, हसमुख गंगन, प्रसाद गुल्हाने, संकेत मेहता, मोहित श्रॉफ, लवेश विश्वकर्मा, तनय नांगलिया, अनुराग बोबडे, ऋषि घाडगे, पार्थ भट्टड, अभिनव अहिर, आनंद बजाज, मिथिल मुनोत, अंकित गुल्हाने, शिवा भोंगाले, दिग्देश दीक्षित, निहार पडोले आदि अनेक की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही. सांसद वानखडे अत्यंत साधे भाव से सभी से हिलमिल गये थे. उनकी विजीट श्रीकृष्ण मंडल में उत्साह का संचार कर गई थी.

* महापुरुषों के चित्रों का अवलोकन
सांसद वानखडे ने परिसर में प्रदर्शित महान संतों और महापुरुषों के विचारों की चित्रमय जानकारी का भी चाव से अवलोकन किया. उन्होंने चाव से अवलोकन किया और कहा कि, आज की युग में यह संदेश मानव समाज के लिए मार्गदर्शक है. उनका पालन करने के लिए हम निश्चित ही जीव, जंतू, जलवायु को बचा सकते है. पृथ्वी पर मानव के अघोरी उपभोग की लालसा ने अनेक समस्याएं पैदा की है. ऐसे में गणेशोत्सव के माध्यम से पर्यावरण के जतन एवं संवर्धन के संदेश हेतु यह झांकी महत्वपूर्ण रहने की बात भी वानखडे ने कही.

Related Articles

Back to top button