अमरावती/दि.2– इस समय राज्य परिवहन निगम की सरकारी बसें डीजल भरवाने हेतु निजी पेट्रोल पंपों पर कतार लगाकर खडी दिखाई दे रही है. उल्लेखनीय है कि, रापनि के सभी आगारों में डीजल पंपों की व्यवस्था उपलब्ध है. किंतु पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा राज्य परिवहन निगम को वाणिज्यिक यानी काफी महंगी दरों पर डीजल उपलब्ध कराया जाता है. जिसके चलते निजी पेट्रोल पंपों की तुलना में राज्य परिवहन निगम को डीजल खरीदना करीब 22 रूपये प्रति लीटर से महंगा पडता है. ऐसे में खुद डीजल खरीदने की बजाय जिले के आठ आगारों हेतु करीब 8 पेट्रोल पंप संचालकोें के साथ करार किया गया है. जहां पर रापनि बसों के लिए डीजल खरीदने पर प्रति लीटर 93 पैसे की छूट भी मिल रही है.
बता दें कि, इस समय एक ओर तो रापनि के एसटी कर्मियों की हडताल चल रही है. ऐसे में उपलब्ध मनुष्यबल के जरिये जिले के आठों आगारों में 150 बसों को अलग-अलग रूटों पर चलाया जा रहा है. जिनके लिए रोजाना 7 हजार 500 लीटर डीजल की जरूरत पडती है. जैसे-जैसे रापनि बसों की फेरियां बढेगी, वैसे-वैसे डीजल की मांग में और अधिक इजाफा होगा. किंतु पेट्रोलियम कंपनियों से डीजल की सीधी खरीदी राज्य परिवहन निगम को काफी महंगी पड रही है. ऐसे में जिले के आठों आगारों को मुख्यालयवाले स्थान पर स्थित एक-एक पेट्रोल पंप के साथ जोडकर आपसी करार किया गया है. जहां पर रापनि बसों द्वारा डीजल भरा जाता है. इसमें भी रापनि को 93 पैसे प्रति लीटर की छूट मिल रही है. जिसके चलते आगार में स्थित पंप के लिए डीजल खरीदने की बजाय निजी पंप से डीजल खरीदना राज्य परिवहन निगम के लिए काफी सस्ता पड रहा है.
इस संदर्भ में रापनि सूत्रों ने बताया कि, अमरावती विभाग में अमरावती, बडनेरा, दर्यापुर, परतवाडा, चांदूर बाजार, मोर्शी, वरूड व चांदूर रेल्वे ऐसे कुल आठ आगार है. इन आठों आगारों से चलाई जानेवाली रापनि बसों के लिए इन्हीं शहरों में स्थित एक-एक पेट्रोल पंप के साथ डीजल खरीदी हेतु करार किया गया है और रापनि बसों के लिए संबंधित स्थानों के निजी पेट्रोल पंपों से डीजल खरीदा जा रहा है.
एसटी महामंडल के सभी आगार में खुद के डीजल पंप की व्यवस्था उपलब्ध है. किंतु पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा इन पंपों के लिए डीजल काफी महंगी दरों पर दिया जा रहा है. ऐसे में रापनि के लिए डीजल की सीधी खरीद काफी महंगी पड रही है. अत: खुद डीजल खरीदी की बजाय हमने डीजल खरीदी के लिए निजी पंप संचालकों से करार किया है.
– श्रीकांत गभणे
विभाग नियंत्रक, रापनि