* यात्रियों की सुरक्षा को दी जाती है पहली प्राथमिकता
अमरावती/दि.29- राज्य परिवहन निगम के अमरावती विभागीय नियंत्रण कार्यालय अंतर्गत आनेवाले आठ आगारों से रोजाना 362 बसें अलग-अलग मार्गों पर यात्रियों को लेकर दौडती है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को लेकर परिवहन निगम द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है और सभी आगारों में रापनि बसों की नियमित तौर पर फिटनेस जांच करायी जाती है. जिसके चलते रापनि बसों से यात्रा करना आज भी सबसे सुरक्षित माना जाता है.
बता दें कि, विगत कुछ दिनों से रापनि बसों के साथ घटित होनेवाले हादसों की संख्या बढ गई है और इस समय हाल ही में मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र की ओर आ रही रापनि बस के साथ हुए हादसे की जमकर चर्चा भी चल रही है. ऐसे में रापनि प्रशासन अपनी बसों की फिटनेस और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क व सावधान हो गया है. रापनि बसेें सडकों पर चलाने लायक है अथवा नहीं, यह तय करने के लिए साल में एक बार इन बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र तो हासिल किया ही जाता है. साथ ही साथ सभी आगारों में एक साल के दौरान रापनि बसों की चार बार फिटनेस जांच की जाती है और कहीं पर भी कोई तकनीकी दिक्कत या खामी दिखाई देने पर उसे आगार के यांत्रिक विभाग द्वारा तुरंत दुरूस्त भी किया जाता है. इसके बाद ही किसी भी बस को यात्री परिवहन के लिए सडक पर उतारा जाता है, ताकि रापनि बसों से यात्रा करनेवाले यात्रियों की यात्रा सुरक्षित हो.
* जिले में 8 डिपो, 8 कार्यशाला
रापनि के अमरावती विभागीय नियंत्रण कार्यालय अंतर्गत जिले में रापनि के 8 आगार है और आठों आगारों में कार्यशाला भी कार्यरत है. इन सभी स्थानों पर बसों की नियमित जांच-पडताल के लिए आगार में आवश्यक मनुष्यबल भी उपलब्ध है.
रापनि बसों को सडक हादसों से बचाये रखने हेतु महामंडल प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रयास किये जाते है. जिसके तहत विविध आगारों की बसों का साल में एक बार आरटीओ के जरिये फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किया जाता है. साथ ही साथ सभी आगारों में सालभर के दौरान करीब चार बार बसों की हर तरीके से जांच की जाती है. इसके अलावा हर बार किसी भी रूट पर यात्रा हेतु रवाना करने से पहले बसों की आवश्यक जांच भी की जाती है.
– श्रीकांत गभणे
विभाग नियंत्रक
* साल में एक बार आरटीओ फिटनेस प्रमाणपत्र
ेरापनि बस का आयुष्यमान बढाने के साथ-साथ बस अच्छी स्थिति में है अथवा नहीं, यह तय करने हेतु रापनि द्वारा साल में एक बार अपनी बसों का आरटीओ कार्यालय के जरिये फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किया जाता है.
* साल में तीन बार अपने स्तर पर जांच
किसी भी तरह के हादसे को टालने हेतु साल में एक बार फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल करने के साथ-साथ रापनि बसों की एसटी आगारों में नियमित अंतराल पर तीन बार जांच की जाती है. साथ ही रोजाना किसी भी रूट पर यात्रा हेतु रवाना करने से पहले भी इस बात की तसदीक की जाती है कि, वह बस यात्रा करने के हिसाब से सुरक्षित है अथवा नहीं.
* आगार में बसों की रोजाना होती है जांच
इन दिनों अमरावती जिले सहित अन्य जिलों के ग्रामीण इलाकों में रास्तों की स्थिति बेहद खराब है. ऐसे में इन रास्तों से होकर गुजरनेवाली एसटी बसों के भी कलपुर्जे ढीले होने की संभावना बनी रहती है. इस बात के मद्देनजर किसी भी रूट से यात्रा पूरी कर वापिस लौटने के बाद उस बस को अगली यात्रा के लिए रवाना करने से पहले नट-बोल्ट की फिटींग, टायरों की स्थिति और टायरों में हवा के दबाव की आवश्यक जांच-पडताल की जाती है. साथ ही जरूरत पडने पर कुछ स्पेअर पार्ट को बदला भी जाता है.
* किस आगार में कितनी बसें
आगार बसें
अमरावती 59
बडनेरा 39
परतवाडा 55
दर्यापुर 44
वरूड 42
मोर्शी 35
चांदूर बाजार 39
चांदूर रेल्वे 35