अमरावती/दि.27 – निजी ट्रैवल्स के कारण एसटी के मध्यवर्ती बस डिपो को रोज लगभग ढाई लाख रुपए के करीब घाटा सहना पड रहा है. एसटी हडताल खत्म होने के बाद भी डिपो से 200 मीटर में निजी बसों का प्रवेश वर्जित रहने के बाद भी यह बसें घुस कर यात्री ले रही हैं. इससे यह घाटा एसटी महामंडल को हो रहा है. इस बारे में एसटी महामंडल के अधिकारियों के साथ ही यातायात विभाग भी खामोश है. एसटी हडताल के समय राज्य सरकार द्बारा छूट दी गई थी. लेकिन अब हडताल खत्म होने के बाद भी पूर्ववत स्थिति रहने से यातायात भी प्रभावित हो रहा है. नियमों का पालन नहीं किए जाने के कारण हर महीने एसटी निगम को 72 लाख से अधिक का हर महीने झटका लग रहा है.
* 30 प्रतिशत यात्री घटे
– एसटी हडताल खत्म हुए दो महिने होने के बाद भी डिपो के सामने ही निजी ट्रैवल्स की बसें खडी रहने के बाद भी अधिकारी क्यों खामोश है, समझ से परे है. यातायात पुलिस के कई जवान यहां रहते, लेकिन उन्हें यह नजारा क्यों नहीं दिखाई देता है, यह भी समझ से परे है.
– निजी ट्रैवल्स की घुसपैठ से एसटी के 30 फिसदी यात्री घटने की जानकारी मिली है. रिक्शा या वाहन से यात्री उतरते ही उन्हें ट्रैवल्स में लेने के लिए इसके एजेंट सक्रिय हो जाते है. इससे यात्रियों के त्रस्त होने की राय जताई जा रही है.
* यातायात होता प्रभावित
निजी ट्रैवल्स की बसों के कारण यातायात भी प्रभावित हो रहा है. इससे दुर्घटना का जहां खतरा पैदा हो गया है. वहीं दूसरी ओर यात्री भी त्रस्त है. निजी ट्रैवल्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. नियमों के मुताबिक एसटी डिपो के 200 मीटर क्षेत्र में निजी बसों के प्रवेश पर पाबंदी का नियम है. लेकिन इसे तिलांजलि देने वाली स्थिति है. कार्रवाई निजी ट्रैवल्स के खिलाफ क्यों नहीं की जाती है, यह भी नागरिकों की समझ में नहीं आ रहा है.
* पुलिस को दिया पत्र
बडनेरा, राजापेठ तथा मध्यवर्ती बस स्थानक प्रबंधकों ने यातायात विभाग तथा शहर पुलिस को नियमों का भंग करने वाले निजी ट्रैवल्स संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में पत्र दिया है.
– श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक, रापनि