अमरावती/दि.24 – स्थानीय कॉटन ग्रीन परिसर निवासी 56 वर्षीय रापनि कर्मचारी वीरेंद्र माणिकराव हिवसे की गत रोज हृदयाघात के चलते मौत हो गई. पता चला कि, वीरेंद्र हिवसे विगत 35 वर्षों से रापनि में कार्यरत थे और अभी कुछ दिन पहले ही उनका वरूड डिपो से दर्यापुर में तबादला हो गया था. एक ओर रापनि कर्मियों की हडताल, दूसरी ओर तबादला और साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियां, ऐसी वजहों के चलते वीरेंद हिवसे काफी तनाव में थे और गत रोज जैसे ही मध्यवर्ती बस स्थानक पर चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेकर वे अपने घर वापिस पहुंच, तो आंगन में ही गश खाकर गिर पडे. जिसके बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वीरेंद्र हिवसे के निधन की खबर मिलते ही मध्यवर्ती बस स्थानक के समक्ष आंदोलन कर रहे रापनि कर्मियों में रोष व संताप की लहर व्याप्त हो गई तथा उन्होंने हिवसे की मौत के लिए राज्य सरकार व रापनि प्रशासन को जिम्मेदार बताया.
बता दें कि, राज्य में विगत करीब 55 दिनों से विलीनीकरण की मांग को लेकर राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी हडताल कर रहे है. वहीं राज्य सरकार द्वारा हडताल को खत्म कराने हेतु कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, निष्कासन व तबादले जैसी कार्रवाईयां की जा रही है. ऐसे में रापनि कर्मियों का कहना रहा कि, राज्य सरकार व रापनि की दमनकारी नीतियों की वजह से वीरेंद्र हिवसे की मौत हुई है. साथ ही इस समय तक राज्य में तनाव के चलते अनेकों रापनि कर्मचारी खुदकुशी कर चुके है. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार इस मामले को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखा रहीं.