अमरावती

अब काम पर वापिस लौटना चाह रहे एसटी कर्मचारी

तीन दिनोें में 13 कर्मचारियों ने पेश किये आवेदन

अमरावती/दि.8 – राज्य परिवहन महामंडल का सरकार में विलीनीकरण करने की मांग को लेकर विगत चार माह से रापनि कर्मियों द्वारा की जा रही हडताल अब फूट की कगार पर है और कई कर्मचारी अब हडताल खत्म करते हुए काम पर लौटना चाहते है. बता देें कि, सरकार ने रापनि कर्मियों को काम पर लौट आने के लिए 10 मार्च की डेडलाईन दी है. जिसके बाद विगत दो दिनों के दौरान 13 कर्मचारियों ने काम पर लौटने की तैयारी दर्शाते हुए महामंडल के पास अपना आवेदन प्रस्तुत किया है.
बता दें कि, महामंडल को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों द्वारा विगत नवंबर माह से अभूतपूर्व हडताल शुरू की गई. जो आज चार माह बीत जाने के बाद भी शुरू है. इस दौरान सरकार द्वारा विविध आश्वासन दिये जाने के बावजूद रापनि कर्मचारी अपनी प्रमुख मांग को लेकर अडे हुए है और हडताल लगातार चल रही है. वहीं अब आगामी 11 मार्च को अदालत में इसे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई होनेवाली है. ऐसे में सभी कर्मचारियों की निगाहें हाईकोर्ट द्वारा चलाये जानेवाले फैसले की ओर लगी हुई है. वहीं दूसरी ओर राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने सेवा से निलंबित व निष्कासित कर्मचारियों को एक और अवसर देते हुए 10 मार्च तक काम पर लौट आने का आवाहन किया है. जिसके संदर्भ में पूरे अधिकार रापनि के विभाग नियंत्रकोें को दिये गये है. इसके बाद अमरावती जिले में 5 से 7 मार्च के दौरान करीब 13 कर्मचारियों ने काम पर लौटने हेतु आवेदन दिये है. जिसमें अमरावती आगार यांत्रिक विभाग के 2 कर्मचारियों, वरूड आगार के 1 चालक व 1 वाहक, परतवाडा आगार के 1 यांत्रिक कर्मचारी तथा दर्यापुर आगार के 5 चालकों व 3 वाहकों का समावेश है.

अगले दो दिन है महत्वपूर्ण

जहां विगत दो दिनों के दौरान 13 कर्मचारियों ने काम पर लौटने की तैयारी दर्शाई है, वहीं अब भी सरकार द्वारा दी गई अवधि को खत्म होने में दो दिनों का समय शेष है. ऐसे में महामंडल के अधिकारियों द्वारा विश्वास जताया जा रहा है कि, आगामी दो दिनों के दौरान और भी कई कर्मचारी अपनी हडताल खत्म करते हुए काम पर लौट आयेंगे.

  • सरकार के निर्देशानुसार 10 मार्च तक निलंबीत व निष्कासित कर्मचारियों को दुबारा रापनि की सेवा में शामिल किया जायेगा. इसके बाद सरकार द्वारा जो आदेश जारी होगा, वह हडताल पर अडे सभी कर्मचारियों को मान्य करना होगा.
    – श्रीकांत गभने
    विभाग नियंत्रक, अमरावती विभाग.

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