अमरावती

शालाएं बंद रहने से एसटी को लाखों रूपयों का नुकसान

डेढ वर्ष से बंद पडी है शालाएं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – इस समय कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू हुए करीब एक माह का समय बीत चुका है और धीरे-धीरे रोजाना राज्य परिवहन निगम की आय में इजाफा हो रहा है. क्योंकि रापनि द्वारा आंतरजिला व आंतरराज्य रूटों पर अपनी बसों की फेरियां शुरू की गई है. जिसे यात्रियों की ओर से भी अच्छा-खासा प्रतिसाद मिल रहा है. किंतु इसी समय सभी शालाओं व महाविद्यालयों में ऑनलाईन पढाई जारी है और हजारों पासधारक विद्यार्थी अपने-अपने घरों पर रहकर ही पढाई कर रहे है. जिसकी वजह से एसटी पास के जरिये रापनि को प्रतिमाह होनेवाली लाखों रूपयों की आय से हाथ धोना पडा है. जिस वजह से रापनि को अच्छेखासे नुकसान का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, प्रशासन द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू किये जाने के बाद अब सभी तरह के व्यवसाय एवं कार्यालयीन कामकाज पहले की तरह सामान्य होते नजर आ रहे है. साथ ही रापनि की बसें भी अपनी पूरी क्षमता के साथ दौडनी शुरू हो गई है. इन बसों में यात्रियों द्वारा खुद ही सैनिटाईजर व मास्क का प्रयोग किया जा रहा है. किंतु अब भी स्कुल व कॉलेज खुले नहीं है. ऐसे में मासिक पास निकालकर रापनि बसों से यात्रा करनेवाले सभी विद्यार्थी फिलहाल अपने-अपने घरों पर है. इन विद्यार्थियों को दी जानेवाली मासिक पास की ऐवज में राज्य परिवहन निगम को प्रति माह लाखों रूपयों की आय हुआ करती थी. किंतु शालाएं ही बंद रहने की वजह से रापनि को इस आय से वंचित रहना पड रहा है और विगत डेढ वर्ष के दौरान रापनि को इस वजह से करोडों रूपयों के नुकसान का सामना करना पडा है.

  • पास खिडकी पर सन्नाटा

प्रति वर्ष शालाएं शुरू होते समय मध्यवर्ती बस स्थानक परिसर सहित सभी बस स्थानकों पर शाला में आने-जाने हेतु मासिक पास निकालने के लिए विद्यार्थियों की अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई देती थी. किंतु चूंकि इस समय सभी स्कुल व कॉलेज पूरी तरह से बंद है और विद्यार्थी अपने घरों पर रहकर ऑनलाईन पढाई कर रहे है. ऐसे में बस स्थानक पर पास जारी करनेवाली खिडकी पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है और पास जारी नहीं होने की वजह से रापनि को काफी नुकसान का सामना करना पड रहा है.

  • गांवों से बडी संख्या में शहर आते है विद्यार्थी

उल्लेखनीय है कि, जिले के सभी दूर-दराज के गांवों में रापनि द्वारा अपनी बसों की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. जिनके जरिये गांवों में रहनेवाले विद्यार्थी अपनी पढाई-लिखाई हेतु शहर में आते है. इसके लिए सरकार द्वारा विद्यार्थियों को नि:शुल्क मासिक पास उपलब्ध करायी जाती है. कई गांवों में तो विशेष रूप से शालेय व महाविद्यालयीन बच्चों के लिए ही रापनि बसों की फेरियां चलायी जाती रही. किंतु कोविड संक्रमण काल की वजह से शाला व महाविद्यालय ही बंद पडे है. ऐसे में रापनि द्वारा भी अपनी इन फेरियों को बंद करवा दिया गया है.

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