अमरावतीमहाराष्ट्र

मेलघाट के घने जंगल में एसटी महामंडल की बस सुविधा

आदिवासी बंधुओं सहित विद्यार्थियों को हो रहा लाभ

* चालक और वाहक को जंगल में करना पड रहा मुक्काम
अमरावती/दि.27– मेलघाट के घने जंगल में कुल 314 गांव बसे हुए है. इस गांव की आदिवासी बंधुओं की सुविधा के लिए हर दिन कुल 17 से 18 एसटी महामंडल की बसेस दौडती है. इसमें से कुछ बसेस परतवाडा डिपो से चलती है. जंगल के अनेक इलाके काफी खतरनाक रहने से इन क्षेत्र के यात्रियों को सुविधा देनेवाले एसटी बस चालक और वाहक को दो दिन जंगल के बहुल इलाको में मुक्काम करना पडता है. मेलघाट के धारणी तहसील में आनेवाले अति बहुल क्षेत्र में बसे खोकमार ग्राम में मुक्काम करनेवाले एसटी बस चालक-वाहक ने मेलघाट के इस कठिन सफर बाबत जानकारी दी.

मेलघाट के धारणी तहसील में आनेवाले अति बहुल क्षेत्र तक जानेवाली एसटी बस का सफर परतवाडा डिपो से रोज सुबह 7.15 बजे शुरु होता है. परतवाडा से 8 बजे निकलनेवाली एसटी बस धारणी पहुंचने के बाद 15 मिनट से मेलघाट के उंचाईवाले क्षेत्र गोलाई गांव में दोपहर 12.15 बजे पहुंचती है. गोलाई गांव से निकली बस फिर धारणी आने पर शाम 5.15 बजे हरिसाल मार्ग से खोकमार अति बहुल गांध में शाम 7.30 से 8 बजे के दौरान पहुंचती है. यहीं बस का मुक्काम रहता है. पश्चात यह बस सुबह 8.30 बजे खोकमार से रवाना होकर हरिसाल मार्ग से वापस धारणी जाती है. धारणी से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित सावलीखेडा गांव में यह बस लगातार दो फेरी लगाती है. पश्चात शाम को वह भंवर गांव पहुंचती है. जहां बस का रात का मुक्काम रहता है. तीसरे दिन भंवर से यह बस धारणी आने पर सुबह बैरागड के शालेय विद्यार्थियों की सुविधा के लिए उपलब्ध रहती है. बैरागड से वापस धारणी आने पर वह हरिसाल, तारुबांदा, घोंगडा मार्ग से धामणगांव गढी होते हुए शाम 6 बजे परतवाडा डिपो पहुंचती है. करीबन 58 घंटे के इस सफर में 600 किलोमीटर का सफर इस बस का होता है.

* सडको का काम शून्य
चौराकुंड, चौपन, खोकमार यह 14 किलोमीटर तक मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना अंतर्गत मंजूर हुआ है. इसके लिए 612 लाख रुपए मंजूर हुए है. काम का भूमिपूजन वर्ष 2022-23 में अचलपुर के विधायक बच्चू कडू तथा मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने किया था. भूमिपूजन हुआ रहा तो भी इस मार्ग का काम अब तक शुरु हुआ नहीं है. यह काम जल्द शुरु होना चाहिए, ऐसा चौराकुंड निवासी सुरेश सावलकर ने कहा.

* मेलघाट में दो तहसील लेकिन डिपो नहीं
सतपुडा पर्वत के मेलघाट में चिखलदरा और धारणी ऐसे दो तहसील है. लेकिन इन दोनों तहसीलो में राज्य परिवहन महामंडल का एक भी डिपो नहीं है. इस कारण इस क्षेत्र में दौडनेवाली एसटी बस के चालक और वाहक को काफी परेशानी का सामना सहन करना पडता है, ऐसा बस चालक शरद भुयार और वाहक संदीप मिरापूरे ने कहा.

* आदिवासी बंधुओं के लिए बस फायदेमंद
खोकमार, चौपन, चौराकुंड जैसे बहुल गांव के नागरिकों को हरिसाल के बाजार में आने के साथ ही धारणी में कोई काम रहा तो यह बस काफी महत्वपूर्ण साबित होती है. इस बहुल क्षेत्र के विद्यार्थियों को शाला में जाने के लिए भी बस फायदेमंद है. गोलाई, घोंगडा, वैरागड, तारुबांदा जैसे मेलघाट के सीमा पर बसे गांव के नागरिक व विद्यार्थियों के सफर के लिए यह बससेवा काफी महत्वपूर्ण है.

* ऐसी है परेशानी
मेलघाट के आदिवासी बंधुओं के लिए सुविधा देने एसटी महामंडल पूर्ण प्रयास कर रहा है. मेलघाट में महामंडल की तरफ से हर दिन 17 से 18 बस फेरी लगाई जाती है. धारणी के पास कुसूमकोट में डिपो के लिए जगह निश्चित की गई है. लेकिन इसके लिए लगनेवाली करोडो रुपए की निधि रापनि के पास नहीं है. शासन द्वारा इसके लिए आर्थिक सहायता करने विधायक व सांसदो ने प्रयास भी किए. धारणी में डिपो की व्यवस्था हुई तो मेलघाट में बस फेरियां बढने संभावना है और वाहक व चालक को मुक्काम की सुविधा भी हो जाएगी.
– नीलेश बेलसरे, नियंत्रक, अमरावती.

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