हिंदी विश्वविद्यालय में ‘अद्वैत पथ’ नाटक का मंचन
वर्धा / दि. ३- महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में भारतीय दर्शन महासभा के ९५ वेें अधिवेशन तथा चतुर्थ एशियाई दर्शन सम्मेलन के अवसर पर प्रदर्शनकारी कला विभाग द्वारा अद्वैत दर्शन पर आधारित नाटक ‘अद्वैत पथ’ का मंचन टैगोर कल्चरल काम्प्लेक्स के निराला प्रेक्षागृह में किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के मार्गदर्शन में इस नाटक का लेखन एवं निर्देशन विभागाध्यक्ष डॉ.ओम प्रकाश भारती द्वारा किया गया. इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राज कुमार रंजन सिंह उपस्थित थे. ‘अद्वैत पथ’ मूलत: शंकराचार्य तथा मंडन मिश्र के बीच हुए संवाद तथा शास्त्रार्थ पर आधारित है. नाटक में सातवीं शताब्दी में प्रचलित बहुदेववादी प्रथा, छुआछूत तथा जाति व्यवस्था के प्रति प्रतिरोध दिखाया गया है. नाट्यभाषा सहज, जीवंत तथा प्रवाहमान है. संवाद शैली नाटक का अंतर्द्वंद्व तथा घटनाओं का उतार-चढाव दर्शकों को अद्वैत दर्शन जैसे गूढ़ विषय को समझने में सहायता करती है. अभिनय, संगीत तथा द़ृश्य-संयोजन शैलीबद्ध है. निर्देशक ने महिषी ग्राम को केंद्र में रखते हुए तत्कालीन मिथिला की सामाजिक तथा सांस्कृतिक परिद़ृश्य /परिवेश को बखूबी दर्शाया है. १ घंटे १० मिनट तक चलने वाले नाटक में दर्शकों की प्रतिक्रिया नाटक की सफलता में एक नया आयाम जोडता है. इस नाटक में अभिनेताओं ने अपने उदात्त अभिनय के माध्यम से नाटक के केंद्रीय भाव को उद्घाटित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इनमें विवेक मिश्र (आदि शंकराचार्य), उत्कर्ष सहस्त्रबुद्धे, स्वाति सैनी, विष्णु कुमार, अभिनीत कुमार पांडेय, मीनू त्रिपाठी, राजू सहनी, दीपक कुमार, दीपक यादव, जिशान साबिर, यश गर्ग, अभिनीत कुमार पाण्डेय, राहुल कुमार, कपिल बहादुरे, रवि श्रीवास्तव, नितिन कुमार, मनीष तिवारी, कुणाल कुमार, अंकिता चौधरी, अश्विनी रोकडे, दीपिका कुलसंगे ने विविध भूमिका निभाई. इस नाटक के सहायक निर्देशन डॉ. सतीश पावडे थे. सुहास नगराले, राहुल यादव ने प्रकाश संयोजन किया.डॉ. पुनीत पटेल ने संगीत संयोजन, अर्चना निगम, अश्विनी रोकडे ने वेशभूषा, जीतेन्द्र कुमार, अर्चना निगम ने रूपसज्जा की जिम्मेदारी का निर्वहन किया.