परतवाडा प्रतिनिधि/दि. २९ – धारणी में कृषि उपज बाजार समिति है, परंतु धारणी से १०० किलोमीटर दूर तक दुर्गम भाग में रहने वाले छोटे किसानों को वहां तक अनाज लाकर बेचना काफी दिक्कतभरा होता है, इसलिए पहले की तरह दुर्गम गांवखेडों में अनाज खरीदी की अनुमति दीे जाए, ऐसी मांग किसानों ने की हैं. धारणी व चिखलदरा तहसील को एकत्रित कर धारणी में कृषि उपज बाजार समिति शुरु की गई है. इस वर्ष जैसे तैसे मार्केट यार्ड में अनाज खरीदी शुरु किये जाने से कई किसानों की समस्या हल हुई, मगर अति दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले छोटे किसान व खेतमजदूर अपना अनाज धारणी तक लाकर बेचने में असमर्थ होने के कारण उनपर आर्थिक खतरा मंडराने लगा है. धारणी से २० से १०० किलोमीटर दूरी पर रहने वाले सुसर्दा, सादाबाडी, हरिसाल, बैरागड, रानीगांव, सावलीखेडा, सेमाडोह, घटांग, बिहाली, काटकुंभ, टेंभुरसोंडा, सलोना, चुर्नी, चिखली, चिखलदरा इन क्षेत्र के छोटे किसानों व्दारा धारणी तक अनाज लाना संभव नहीं है. इसके अलावा मेलघाट में फसल कटाई के ऐवज में फसल का एक हिस्सा लेने की परंपरा होने के कारण मजदूरों के पास भी कपास, मक्का, सोयाबीन भी उपलब्ध होते है, मगर इतना कम माल धारणी तक ले जाकर बेचना असंभव है. इसलिए छोटे, गरीब किसानों को अनाज बेचने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ऐसी मांग की जा रही है.