अमरावती

आंखे आने की संक्रामक बीमारी शुरू, सावधानी रखें

जिला सामान्य अस्पताल में 40 मरीज कंजक्टिव्हाटिस के

* विद्यार्थियों की संख्या अधिक
अमरावती/ दि. 26– जिले में हाल ही आंखे आने का संक्रामक बीमारी शुरू हो गई है. विगत कुछ दिनों से मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी के प्रमाण बढ गए है और अब आंखेे आने का संक्रामक शुरू हो गया है. जिससे अमरावतीवासी हैरान दिखाई दे रहे है. जिला सामान्य अस्पताल में नेत्र विभाग में रोज 40-50 आंखों के संक्रामक के मरीज आने की जानकारी अस्पताल प्रशासन ने दी है.
कंजंक्टिव्हायटिस यानी की आंखे आना यह बीमारी संक्रामक है. जिसमें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को लगने की संभावना अधिक रहती है. जिले में हाल ही में आंखों के संक्रामक की बीमारी फेलने का दिखाई दे रहा है. विगत 8 दिनों से इस संक्रामक रोग की संख्या बढ गई है. किसी एक व्यक्ति को यदि कंजक्टिव्हायटिस यानी आंखों का संक्रामक हो गया हो और वह अच्छी तरह सावधानी न रखे तो उसे फिर से आंखों का संक्रामक हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति की आंख आ गई हो तो वह अपनी आंख साफ पानी से धोए, आंखों को हाथ न लगाए. रूमाल से आंखें न मसले, घर के अन्य सदस्य से दूर रहे तथा डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी प्रकार का घर में उपचार न करें. आंखे आने के संक्रामक के कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के नागरिक परेशान हो गए है. इसमें छोटे बच्चे और बडे सभी है.
* आंखे आने के लक्षण
-आंखों में कुछ कंकड या कचरा चला गया, ऐसा लगता है
– आंखें लाल होने से दृष्टि पर परिणाम होता है
– आंखों की पलकों पर सूजन आना
– आंखों से शुरूआत में पानी और बाद में गाढा चिकना द्रव्य आता है.
-सुबह उठने के बाद दोनों आंखे चिपक जाती है.
– आंखों से निरंतर पानी आना, आंख में जलन होना, प्रकाश सहन न होना
* क्या सावधानी रखी जाए
– आंखें साफ रखे
-आंखों को हाथ लगाने के बाद अथवा आय ड्रॉप्स आंखों में डालने के बाद हाथ साफ पानी से धो लें.
– आंखे आनेवाले व्यक्ति घर से बाहर जाते समय अथवा लोगों के संपर्क में आने पर काला चश्मा लगाए.
– अपना रूमाल, चष्मा, आय ड्रॉप्स अथवा अन्य वस्तुओं का उपयोग दूसरों को न करने दें.
-डॉक्टरों की सलाहनुसार समय पर उपचार लें
* आंखे आने का कारण क्या?
जीवाणू और विषाणु के संक्रमक के कारण कंजंक्टिव्हायटिस होता है. इसका संक्रामक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होता है. आंखे आनेवाले व्यक्ति का रूमाल, चष्मा, आय ड्रॉप्स अथवा सौंदर्यप्रसाधन के उपयोग के कारण दूसरों को भी संक्रामक हो जाता है.

जिला सामान्य अस्पताल में विगत सप्ताह से रोज कंजक्टिव्हायटिस का संक्रामक होनेवाले मरीज आते है. आंखे आना यह संक्रामक बीमारी होने से इसके लिए नागरिकों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए.
डॉ. संतोष भोंडवे, नेत्र विशेषज्ञ, इर्विन

निजी अस्पताल में 70% मरीज कंजंक्टिव्हायटिस के आते है. परिवार में जिस व्यक्ति की आंखे आ गई है. वे अपनी रोज उपयोग की सामग्री अलग ही रखे. बार- बार आंखों को हाथ न लगाए तथा आंखे आने के बाद घर में कोई भी उपचार न कर डॉक्टर को बताकर ही उपचार करें.
डॉ. अनुराधा तोटे, नेत्र विशेषज्ञ

 

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