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नया स्कील सीखते रहिएं, सफलता कदम चूमेगी
* मोटिवेशनल वक्ता जया किशोरी का आहवान
* पोटे कॉलेज के टेक्लॉन्स में दिए जीवन में आगे बढने के टिप्स
अमरावती/दि.3- देश की प्रसिद्ध प्रेरणादायी वक्ता जया किशोरी ने आज युवाओं से भगवान श्रीकृष्ण की तरह अपने मनपसंद क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ देने का आहवान किया. उन्होंने महाभारत, भगवत गीता, रामायण के उदहरणों से अपनी बात को स्पष्ट कर पोटे शैक्षणिक समूह व्दारा आयोजित टेक्लॉन्स में विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी मोटिवेट का प्रयत्न किया. उनका स्वागत पोटे समूह के अध्यक्ष तथा विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, पितृ पुरुष रामचंद्र जी पोटे, अनुराधा पोटे, श्रेयस दादा पोटे, श्रुति पोटे पाटिल ने किया. मंच पर इसरो के संचालक, वैज्ञानिक पंकज किल्लेदार, प्राचार्य डॉ. डी. टी. इंगोले, प्राचार्य डॉ. ए.बी. देशमुख, प्राचार्य डॉ. एस. डब्ल्यू. देशमुख, प्राचार्य डॉ. एस.एस. भूतडा, प्राचार्य डॉ. एन. बी. चौधरी, डॉ. डी. बी. रुईकर, प्राचार्य डॉ. सचिन दुर्गे, प्राचार्य डॉ. मो. जुहेर और विविध विभाग प्रमुख विराजमान थे.
* नया स्कील सीखते रहिएं
जया किशोरी ने आधे घंटे के नपे तुले संबोधन में अनेक उदाहरण देकर विद्यार्थियों को प्रेरित करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि आज के दौर को देखते हुए नया स्कील सीखते रहना चाहिए. अपने आपको अपडेट रखना आज अत्यंत आवश्यक हो गया है. उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि अपने दिमाग को तलवार मानकर उसे तेज करते रहना चाहिए. अवसर मिला कि एक ही वार में सफलता प्राप्त हो जाएगी. इसके लिए भी मूल रुप से कोलकाता निवासी जया किशोरी ने भगवान कृष्ण की मिसाल दी. उन्होंने कहा कि कृष्ण योद्धा थे. किंतु ब्रज में उनकी नृत्य कला भी उपयोगी पडी.
* संतान को काबिल बनाएं
जया किशोरी ने अभिभावकों से अपनी संतान को काबिल बनाने का आहवान किया. उन्होंने कहा कि रट्टू तोता बनकर सीमित सफलता मिलती है. वहीं योग्य बनने पर व्यक्ति प्रत्येक परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ देकर नाम-दाम कमा लेता है. इसके लिए उन्होंने सीता माता का उदाहरण दिया. राजा जनक ने पुत्री को राज परिवार में ब्याहा था. किंतु सीताजी के जीवन में अधिकांश समय वनवास का आया और वहां भी उन्होंने इस कदर काम किया कि आज वे आदर्श नारी मानी जाती हैं. स्वामी विवेकानंद सभागार में हजारों छात्र-छात्राओं के साथ सैकडों अभिभावक भी उपस्थित थे. अत: जया किशोरी ने बच्चों के जल्दी विवाह करने के पीछे न लगने की सलाह देते हुए कहा कि प्रत्येक अपना भाग्य साथ लेकर आता है.
* मस्तिष्क पर नियंत्रण आवश्यक
अनेकानेक कथा, प्रवचन कर चुकी जया किशोरी ने कहा कि वे विश्व में उस व्यक्ति को सर्वशक्तिशाली मानती हैं, जिसका अपने मन मस्तिष्क पर नियंत्रण है. दुनिया का कोई भी तनाव, निराशा से अप्रभावित रहता हैं. उन्होंने किसी से तुलना न करने की सलाह भी छात्र-छात्राओं को दी. उन्होंने कहा कि भगवान राम मर्यादा से रहे. कृष्ण ने सिखलाया कि मर्यादा में कैसे रखा जाता है.
* फेल होने से न घबराएं
जया किशोरी ने कहा कि हर क्षेत्र में अच्छा करने के लिए प्रयास करने चाहिए. किसी दूसरे की नकल करने की बजाए अपने उद्देश्य को लेकर प्रयास करे तो अच्छा रहेगा. असफलता मिलती है तो भी चलेगा. असफलता हमें अधिक सिखाती हैं. उन्होंने पुन: कहा कि नंबर्स मायने नहीं रखते. स्वीकारोक्ति आवश्यक है. खचाखच भरे सभागार में उन्होंने कहा कि कडे परिश्रम से हम अपनी प्रतिभा को तराश कर आगे बढ सकते हैं. केवल प्रतिभा से काम नहीं चलता. उन्होंने यह भी कहा कि सरस्वती के पीछे भागिए. लक्ष्मीजी अपने आप आएगी. अधकचरा ज्ञान भारी पडता है. आपकी मेहनत खत्म कर सकता है. इसलिए ऐसे आधे अधूरे नॉलेज से बचने की सलाह उन्होंने दी. कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्य रुचि से आए थे. बिल्डर दिनेश ठाकरे, नीलेश ठाकरे, जुगलकिशोर गट्टानी, बियाणी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश लढ्ढा, देवव्रत जोशी आदि अनेक का समावेश रहा. अतिथियों का परिचय सुमंत मोहोड और आंचल इचे ने करवाया. संचालन छात्र-छात्राओं बखूबी किया.
* झलकियां-
– स्वामी विवेकानंद सभागार अपनी पूर्ण क्षमता से भरा था. इस कदर लोग जया किशोरी जी और वैज्ञानिक पंकज किल्लेदार को सुनने उमडे थे.
– किल्लेदार के सभागार में आते ही छात्र-छात्राओं ने उनका जोरदार स्वागत अपने अंदाज में किया.
– जया किशोरी के आगमन पर जय श्रीराम और हनुमानजी का जयघोष चला.
– अतिथि किल्लेदार और किशोरी जी के हस्ते पोटे ग्रुप आफ एज्युकेशनल इंस्टिट्यूट की वार्षीक पत्रिका ‘पोटेन्शीयल’ का विमोचन किया गया.
– मंच पर जाते समय जया किशोरी ने प्रथम उसे प्रणाम किया. उसी प्रकार उनके स्वागत सत्कार के समय सभी बडों को विनम्रता से अपने स्थान पर बैठने कहा. वे बोली कि मैं छोटी हूं.
– विधायक प्रवीण पोटे पाटिल ने अपने अंदाज में जया किशोरी का स्वागत करते हुए कहा कि कई लोग पूछते हैं कि जया किशोरी जी विवाह कब करेंगी.
– पोटे ने दोनों अतिथियों के सम्मान में विद्यार्थियों से अपने स्मार्ट फोन से टॉर्च जलाकर स्वागत करने कहा. उसका सभी ने अनुसरण किया.
– जया किशोरी ने अपनी विनम्रता से उपस्थितों को जीत लिया. वहीं ‘मेरी झोपडी में राम आएंगे, अंगना सजाउंगी, दीप जलाकर दिवाली मनाउंगी’ भजन की पंक्तियां प्रस्तुत कर स्टेडिंग अवेशन प्राप्त किया.