राज्य के कर्मचारियों को मिलेगी परिवार निवृत्ति वेतन योजना व ग्रेज्युएटी
1 लाख मोर्चाकारियों के आंदोलन से खुली सरकार की नींद
अमरावती/दि.28- राज्य की 1 नवंबर 2005 पश्चात शासकीय सेवा में हुए कर्मचारियों को राज्य शासन ने नई पेन्शन योजना लागू कर कर्मचारियों पर काफी अन्याय किये जाने की भावना लाखों कर्मचारियों के दिलों में असंतोष निर्माण करने के साथ ही पुरानी पेन्शन योजना लागू की जाये, इस मांग के लिए नागपुर विधान भवन पर लाखों कर्मचारियों ने मोर्चे के स्वरुप में आंदोलन कर सरकार को निर्णय लेने हेतु मजबुर किया.
सेवाग्राम से शुरु किए गए इस तीन दिवसीय आंदोलन में कर्मचारी सहभागी हुए थे. 27 दिसंबर को आयोजित महाराष्ट्र पुरानी पेन्शन संगठना के आंदोलन में राज्यभर से 1 लाख से अधिक कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षकों ने शामिल हो सरकार के खिलाफ घोषणा की. इस घोषणा से विधान भवन गूंज उठा.
सरकार द्वारा इतने बड़े मोर्चे की दखल लेते हुए संगठना के शिष्टमंडल को चर्चा हेतु पाचारण किया. इस समय चर्चा दरमियान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, वित्त राज्यमंत्री शंभूराज देसाई, शिक्षक, विधायक, पदवीधर विधायकों ने कर्मचारियों की भावना समझ आगामी कैबिनेट बैठक में अब तक मृत हुए कर्मचारियों के परिवारों को फैमिली पेंशन व ग्रेज्युएटी दिये जाने का आश्वासन दिया. बावजूद इसके आंदोलन कर्मचारी पुरानी पेन्शन के मुद्दे पर आग्रही थे. इस बारे में भी समिति गठित करने का निर्णय लिये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई.
अमरावती जिले से 5 हजार कर्मचारी इस आंदोलन में सहभागी हुए थे. आंदोलन की सफलतार्थ राज्याध्यक्ष वितेश खांडेकर, गोविंद उगले, सुनील दुधे, शैलेश राऊत, अशितोष चौधरी, गौरव काले, प्रज्वल घोम, योगेश पखाले, कासीम जमादार, आरीफ सर सहित अन्य कर्मचारी व पदाधिकारियों ने परिश्रम किया.