अमरावती

राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने मनाया निषेध दिन

प्र.जिलाधिकारी को विभिन्न मांगों का सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि.16– महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ की जिला समन्वय समिति ने शुक्रवार को निषेध दिवस मनाते हुए सरकार को विभिन्न मांगों का ज्ञापन प्र. जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा के माध्यम से प्रेषित किया गया.
सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर अवैध गतिविधियों के लिए दबाव डालने के बढ़ते प्रमाण की पृष्ठभूमि में 2017 में भारतीय दंड संहिता की धारा 353 और 332 का स्वागतार्ह सुधार किया गया था. हालांकि, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुरक्षा कवच प्रदान करने वाली इस धारा में संशोधन की घोषणा के बाद, केवल एक महीने के भीतर राज्य में चार से अधिक स्थानों पर कर्मचारियों के साथ मारपीट, दबाव डालने जैसी निंदनीय घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं की बढ़ती संख्या पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए महासंघ की ओर से शुक्रवार 15 सितंबर को निषेध दिवस मनाया गया. धारा 353 के सुरक्षात्मक प्रावधानों को वापस न लेने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई. निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. विवेक घोडके सहित विविध अधिकारियों के हस्ताक्षरों का ज्ञापन प्रभारी जिलाधिकारी अविश्यांत पंडा को दिया गया. इस समय जिला समन्वय समिति के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर खंडारे, गजय लंबाडे, समिति के सचिव डॉ. संजय कावरे, कोषाध्यक्ष शिल्पा पवार, सहकोषाध्यक्ष पी.व्ही सोलंके, प्रफुल भोरखडे, डॉ. उदय देशमुख, एस. जी. जिरापुरे, संजय खारकर, डॉ. शंकर मुलुमवार, किशोर राऊत, डॉ. संदीप इंगले, माया वानखडे, अनंत धात्रक, डॉ. शिरीष तेलंग, अंकुश देशमुख, रिध्देश्वर देशमुख, जयंत उमक, बबन गडपायले, संदीप ठाकरे उपस्थित थे.
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