चांदुर रेल्वे – केन्द्र सरकार ने आंतरराज्यीय यात्रा के लिए ई-पास की शर्त रद्द करने को १५ दिन बीत गये. लेकिन राज्य सरकार ने यह शर्त अभी भी कायम रखी है.जिसके कारण ई-पास के नाम पर काम करनेवाले दलालो ने अपना गोरखधंधा भी शुरू किया है . जिसके कारण नागरिको को बिनाकारण पुलिस का सामना करना पड़ता है.अत: इसके लिए अब राज्य सरकार को ई-पास की शर्त रद्द करनी चाहिए, ऐसी मांग चांदूर रेल्वे के युवा नेता निलेश विश्वकर्मा ने की है.
महाराष्ट्र में आंतरजिला यात्रा के लिए आज भी ई-पास लेने की शर्त सरकार ने कायम रखी हैे. एसटी बस के लिए यह शर्त शिथिल की गई है. यदि एसटी बस को यह शर्त लागू नहीं है तो सर्वसामान्य नागरिको की व्यक्तिगत वाहनों को तथा निजी यातायात व्यावसायिको को यह शर्त क्यों लागू है, ऐसा सवाल विश्वकर्मा ने किया है. गांव के निरीक्षर व्यक्ति को अलग-अलग काम के निमित्त जिले के बाहर जाने का समय आता है. ऐसी स्थिति में ई पास लेने के लिए बिना कारण चक्कर लगाना पड़ता है तथा उसी के साथ बहुत विलंब सहन करना पड़ता है. ई-पास के नाम पर कुछ दलालो ने अपने गोरखधंधे शुरू किए है. राज्य सरकार को इस पर पुनर्विचार करना आवश्यक है, ऐसा निलेश विश्वकर्मा ने कहा है. हाल ही की घड़ी में अनेक जिले में अनेक बड़े-बड़े नेता धनी लोग यात्रा करते है. उन्हें छोड़कर सर्वसामान्य को पुलिस का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण सर्व सामान्य की समस्याओं को समझकर उन्हें ई-पास के बिना यात्रा करने की सहूलियत देने की मांग विश्वकर्मा ने की है.
गणेशोत्सव-गौरी पूजन के लिए नागरिको को छूट दे
गणेशोत्सव तथा गौरीपूजन के लिए नागरिको को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ता है. भारतीय परंपरा के इस महत्वपूर्ण त्यौहार के लिए नागरिकों का उत्साह बना रहता है. ई-पास की अडचन आने से नागरिको की श्रध्दा पर सरकार प्रतिबंध न लगाए.उन्हें ई-पास के बिना यात्रा करने की सहूलियत दे, ऐसी मांग विश्वकर्मा ने की है.