* जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 27 अधिकारियों की समिति
अमरावती/ दि.25 – पुलिस
राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत महाराष्ट्र में 75 नदियों को पुनर्जीवित करने चली जाने नदी को’ अभियान शुरू किया है, इसी अभियान के अंतर्गत अमरावती जिले की 3 प्रमुख नदियां चंद्रभागा, खोला और पिंगलाई नदी को पुनजीवित किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने कलेक्टर की अध्यक्षता में 27 अफसरों की जिला स्तरीय समिति बनायी है. तीनों नदियों को पुनर्जीवित करने समन्यवक नियुक्त किये गये है, जिसमें चंद्रभागा नदी के लिए अरविंद नको, खोलाड़ नही के लिए राजू अंबापुरे और पिंगलाई नदी के लिए गजानन काले समय की भूमिका निभा रहे हैं लगभग 44 वर्षों से लक्षण की मुहिम में जुटे पुरस्कार प्राप्त जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में महाराष्ट्र में इस अभियान को चलाया जा रहा है.
अनादि काल से भारत के लोगों का नदियों के साथ बेहद आत्मीय का रिश्ता रहा है और नदियां सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का भी एक अविभाज्य अंग है. नदियों के जल को पवित्र और उपचारात्मक शक्ति से लैस माना जाता है, लेकिन आज अधिकांश नदियों का प्रवाह बेहद कम हो गया है और ये प्रदूषण से भरे आवदान बन चुकी है. महाराष्ट्र में जलयुक्त शिवार की अभूतपूर्व सफलता को देखते हुये उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल पर महाराष्ट्र में नदियों की पुनर्जीवित करने का यह अभियान शुरू किया गया है. जलपुरुष राजेंद्र सिंह की अगुवाई में राज्य में 75 नदियों को पुनर्जीवित करने राज्य सरकार ने अभी तक 2 शासनादेश भी जारी किये हैं. पहला शासनादेश 14 अक्टूबर 2022 को जारी किया गया, जिसमें संपूर्ण राज्य में जिला स्तरीय समिति स्थापित करने को कहा गया, जबकि इसके पूर्व 30 सितंबर 2022 को ’चलो जाने नदी की’ अभियान की मान्यता का शासनादेश जारी किया गया था.
चंद्रभागा नदी को पुनर्जीवित करने समन्वयक नियुक्त दर्यापुर के बुजुर्ग किसान अरविंद नलकांडे ने बताया कि, जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में 1, 2 और 3 अक्तूबर को सेवाग्राम में 200 लोगों ने नदी पुनर्जीवित करने को लेकर प्रशिक्षण लिया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2 अक्तूबर को सेवाग्राम पहुंचकर इस प्रशिक्षण को भेंट दी थी. 70 वर्षीय किसान अरविंद नलकांडे दर्यापुर निवासी है. पिछले 3 दशक से खारपानपट्टा में पानी व मिट्टी का नियोजन कैसा हो, इसके लिए जुटे हैं. वर्ष 2009 में आशियान परिषद की ओर से नई दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. नलकांडे ने बताया कि. 1 दिसंबर से चंद्रभागा के उगम स्थल चिखलदरा के वैराट देवी पहुंचकर वे इस अभियान का शुभारंभ करेंगे. 12 दिसंबर को बाबू गेनू के शहीद दिवस पर इस अभियान का समापन करने की योजना है. उन्होंने विस्तार से बताया कि, जलपुरुष राजेंद्र सिंह से उनका आशियान परिषद, नई दिल्ली में परिचय हुआ था, तभी से उनके साथ जुड़े, बतौर समन्वयक और समिति को इस अभियान के लिए आने वाले आर्थिक खर्च हेतु जिला नियोजन से 10 प्रतिशत निधि का भी प्रावधान किया गया है.
चंद्रभागा नदी का आम स्थल चिखलदरा है. जबकि इसका संगम अकोला के सांगवा में हो रहा है. खोलाड़ नदी चांदूर रेलवे क्षेत्र में है, जबकि पिंगलाई नदी मोर्शी से तिवसा क्षेत्र में है. अमरावती जिले की यह तीनों नदियों को पुनर्जीवित किये जाने के अभियान को एक स्वर्णिम शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.