अमरावती

जिला परिषद की जर्जर शालाओं को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया

जिलाधीश और सीईओ को समन्स

* 6 को मुंबई आयोग में हाजिर रहने के निर्देश
अमरावती / दि. 28-जिला परिषद की जर्जर शालाओं के विषय को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से ध्यान में लिया है. इसके तहत राज्य के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, जिलाधिकारी पवनीत कौर और जिला परिषद के सीईओ अविश्यांत पंडा को 6 जुलाई को मुंबई के आयोग में हाजिर रहने के लिए समन्स थमाया गया है. अपने पाल्यों को जिप शाला की जर्जर इमारत में पढने भेजने अभिभावकों को डर लग रहा था. स्कूल की इमारत जर्जर होने से किसी भी समय अनहोनी की संभावना बनी है. इस संबंध में खबरें अखबारों में प्रकाशित होने के बाद मानवअधिकार आयोग ने गंभीरता से ध्यान देकर न्यायमूर्ति के.के.तातेड ने अमरावती जिला परिषद की जर्जर शालाओं की वास्तविकताव रखने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, जिलाधिकारी और सीईओ को हाजिर रहने के लिए समन्स द्वारा अवगत कराया है. जिला परिषद शालाओं की इतनी भयावह स्थिति कैसे? इस बारे में पूछा है. अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल में भेजने डर लग रहा है, यह बात बच्चों के शिक्षा अधिकारी कानून की धज्जियां उडने जैसा है, ऐसा मानवाधिकार आयोग ने कहा. इसलिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, जिलाधिकारी, सीईओ को 6 जुलाई को न्यायमूर्ति के.के.तातेड, न्यायमूर्ति एम.ए.सय्यद के कोर्ट नंबर-1 में जवाब देने के लिए हाजिर रहना होगा.
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प्रतिनिधि को भेजा जाएगा
मानवाधिकार आयोग का समन्स प्राप्त हुआ है. 6 जुलाई को जिला परिषद के शालाओं की वर्तमान स्थिति को आयोग के समक्ष रखने के लिए प्रतिनिधि को भेजा जाएगा.
-अविश्यांत पंडा, सीईओ, जिला परिषद, अम.

 

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